हर साल करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए एक बेहद खास दिन होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। रात को चांद देखने के बाद ही यह व्रत पूरा किया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर महिला के लिए करवा चौथ का व्रत रखना शुभ नहीं माना जाता? जी हां! ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक ग्रंथों में ऐसे कुछ लोगों का उल्लेख है जिन्हें यह व्रत नहीं रखना चाहिए।
करवा चौथ का महत्व (Significance of Karwa Chauth)
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर सरगी खाती हैं और दिनभर जल तक ग्रहण नहीं करतीं।
शाम को भगवान शिव, पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की पूजा की जाती है। इसके बाद चांद को अर्घ्य देकर पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत खोला जाता है।
कहा जाता है कि यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए अत्यंत फलदायी होता है और इससे वैवाहिक जीवन में प्रेम, विश्वास और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
किसे नहीं रखना चाहिए करवा चौथ का व्रत?
धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, हर महिला को यह व्रत नहीं रखना चाहिए। आइए जानते हैं किन महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए और क्यों:
1. गर्भवती महिलाएं (Pregnant Women)
गर्भावस्था के दौरान करवा चौथ का व्रत रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस व्रत में पूरा दिन बिना जल और भोजन के रहना पड़ता है, जो गर्भस्थ शिशु और मां दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
ऐसे में डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि गर्भवती महिलाएं पूरा व्रत न रखें। वे चाहें तो भगवान से प्रार्थना कर सकती हैं और सिंबॉलिक पूजा कर सकती हैं।
2. बीमार महिलाएं या स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही महिलाएं
अगर किसी महिला को ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाइपरएक्सिया, एनीमिया जैसी कोई समस्या है, तो उसे यह व्रत नहीं रखना चाहिए।
क्योंकि पूरे दिन बिना पानी और खाना खाए रहने से शरीर में शुगर लेवल गिर सकता है और यह स्थिति गंभीर हो सकती है।
ऐसी महिलाओं के लिए बेहतर है कि वे भगवान से संकल्प रूप में पूजा करें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
3. अत्यधिक वृद्ध महिलाएं
अगर महिला की उम्र अधिक है और शरीर में कमजोरी है, तो उन्हें यह व्रत नहीं रखना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ शरीर की ऊर्जा घटती है, जिससे निर्जला व्रत रखना जोखिम भरा हो सकता है।
वृद्ध महिलाएं चाहें तो केवल पूजा-पाठ और कथा का हिस्सा बन सकती हैं, बिना व्रत रखे।
4. जो महिलाएं प्रसूति के बाद हैं (Postpartum Women)
जिन महिलाओं ने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है, उनके शरीर को अभी पूरी तरह से रिकवरी की जरूरत होती है।
इस समय बिना पानी-पोशन के रहना शरीर के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। इसलिए ऐसे समय में करवा चौथ का व्रत रखना शास्त्रों में वर्जित माना गया है।
5. मानसिक रूप से अस्वस्थ महिलाएं
अगर किसी महिला को मानसिक तनाव, अवसाद या किसी प्रकार की मानसिक बीमारी है, तो उनके लिए यह व्रत रखना ठीक नहीं है।
ऐसे में ध्यान और मन शांत रखने के लिए धार्मिक कथा सुनना या भक्ति करना अधिक लाभदायक है।
6. जिनका वैवाहिक जीवन अस्थिर है
अगर किसी महिला का वैवाहिक जीवन बहुत अस्थिर है, पति-पत्नी के बीच लगातार कलह है या तलाक की स्थिति है, तो इस व्रत को रखने से पहले पंडित या ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए।
क्योंकि करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए होता है, ऐसे में यदि वैवाहिक संबंध अस्थिर हों तो यह व्रत शुभ फल नहीं दे सकता।
7. जिनका पति नहीं है या विधवा महिलाएं
शास्त्रों में कहा गया है कि करवा चौथ का व्रत केवल सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए होता है। जिन महिलाओं के पति का देहांत हो चुका है, उन्हें यह व्रत नहीं रखना चाहिए।
वे चाहें तो भगवान से अपने पिछले जीवनसाथी की आत्मा की शांति के लिए दीपदान या दान कर सकती हैं।
ज्योतिषीय दृष्टि से किन राशियों के लिए व्रत शुभ नहीं
कुछ ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, जिन महिलाओं की कुंडली में चंद्रमा या मंगल कमजोर स्थिति में हो, उन्हें यह व्रत नहीं रखना चाहिए।
क्योंकि करवा चौथ का संबंध चंद्र देव से है और कमजोर चंद्रमा की स्थिति में व्रत का फल उल्टा भी पड़ सकता है।
अगर आपको अपनी कुंडली की जानकारी नहीं है, तो किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर ही व्रत का संकल्प लें।
अगर व्रत नहीं रख सकतीं तो क्या करें?
अगर स्वास्थ्य या अन्य किसी कारण से व्रत नहीं रख पा रही हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप चाहें तो इन उपायों से भी करवा चौथ का पुण्य प्राप्त कर सकती हैं:
- शिव-पार्वती की पूजा करें और पति की दीर्घायु की कामना करें।
- दिनभर जल ग्रहण करते हुए संकल्प रूप व्रत कर सकती हैं।
- दान-पुण्य करें — जरूरतमंद महिला या बच्ची को भोजन या वस्त्र दान करें।
- चंद्रमा के दर्शन के समय प्रार्थना करें और पति का नाम लेकर मन ही मन मंगलकामना करें।
करवा चौथ व्रत रखने की सही विधि
अगर आप यह व्रत रख रही हैं तो इन नियमों का पालन करना चाहिए:
- सुबह सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करें।
- दिनभर जल और भोजन से दूर रहें।
- शाम को करवा माता, पार्वती जी, गणेश जी की पूजा करें।
- चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें और पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत खोलें।
- व्रत खोलने से पहले पति की आरती करना शुभ माना गया है।
करवा चौथ व्रत से जुड़ी सावधानियां
- व्रत के दौरान ज्यादा भारी काम न करें।
- पूजा में तांबे के बर्तन का प्रयोग शुभ माना गया है।
- किसी से झगड़ा या कटु वचन न कहें।
- पूरे दिन सकारात्मक सोच रखें और मन को शांत रखें।
धार्मिक कथा: करवा चौथ की कहानी
कहते हैं एक बार एक साहूकार की सात बेटियां थीं। सभी ने करवा चौथ का व्रत रखा, लेकिन सबसे छोटी बहन ने भाई की बातों में आकर व्रत तोड़ दिया। इसके कारण उसके पति की मृत्यु हो गई।
उसने देवी पार्वती की आराधना की और एक साल तक लगातार करवा चौथ का व्रत रखा। देवी प्रसन्न हुईं और उसके पति को फिर से जीवित कर दिया।
तभी से यह व्रत पति की दीर्घायु के लिए रखा जाने लगा।
निष्कर्ष: व्रत से ज्यादा जरूरी है नीयत
करवा चौथ का व्रत केवल परंपरा नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। लेकिन हर व्यक्ति के लिए यह व्रत उपयुक्त नहीं होता।
अगर आपकी सेहत या परिस्थिति अनुमति नहीं देती, तो भगवान को सच्चे मन से याद करना ही सबसे बड़ा व्रत है।
याद रखें — व्रत का फल शरीर से नहीं, बल्कि भावना और श्रद्धा से मिलता है।
FAQs: करवा चौथ से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. क्या अविवाहित महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं?
Ans. हां, कुछ जगहों पर अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं, लेकिन शास्त्रों में यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए माना गया है।
Q2. क्या पुरुष करवा चौथ का व्रत रख सकते हैं?
Ans. हां, कई पुरुष अपनी पत्नी के प्रति प्रेम जताने के लिए यह व्रत रखते हैं, हालांकि यह परंपरा में जरूरी नहीं है।
Q3. अगर व्रत तोड़ दिया जाए तो क्या होता है?
Ans. ऐसा करने पर व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। बेहतर होगा कि अगले वर्ष सही नियमों के साथ व्रत करें।
Q4. क्या गर्भवती महिला आंशिक व्रत रख सकती है?
Ans. हां, वो दिनभर फल या तरल पदार्थ लेकर संकल्प रूप व्रत रख सकती हैं।
Q5. क्या करवा चौथ का व्रत हर साल रखना जरूरी है?
Ans. हां, यह व्रत वैवाहिक सौभाग्य के लिए रखा जाता है, इसलिए हर साल करना शुभ माना जाता है।
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