CM योगी का कार्यक्रम: पहला दीप, क्रूज़ से आरती, विज़ुअल शोकेस
नमो घाट पर पहला दीप: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमो घाट पर पारंपरिक विधि से प्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। शुभारंभ के साथ ही आरती के स्वर, ढोल-नगाड़ों की गूँज और शंखनाद ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
क्रूज़ से दर्शन: इसके बाद वे क्रूज़ में सवार होकर गंगा के प्रवाह के साथ-साथ रोशन घाटों का नज़ारा देखते रहे। क्रूज़ से डैशाश्वमेध/राजेंद्र प्रसाद सहित प्रमुख घाटों की दिव्यता—दीयों की लड़ी, पुष्प सज्जा, और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ—अपनी पराकाष्ठा पर दिखी।
कुल मिलाकर संदेश: परंपरा और टेक्नोलॉजी के मेल से काशी ने एक बार फिर दिखाया कि आधुनिक प्रस्तुति होते हुए भी इसकी जड़ें धर्म-संस्कृति में कितनी गहरी हैं।
“काशी कथा” 3D शो: मिथक, इतिहास और आधुनिकता का संगम
चेत सिंह घाट पर 25 मिनट का 3D प्रोजेक्शन मैपिंग शो “काशी कथा” दर्शाया गया—जहाँ शिव-पार्वती की लीलाएँ, बुद्ध का काशी से नाता, संत कबीर की वाणी, तुलसीदास की रामकथा और BHU की स्थापना जैसे पड़ाव विज़ुअल स्टोरीटेलिंग के माध्यम से जीवंत हुए। इस शो ने समझाया कि काशी कोई एक युग का शहर नहीं—यह तो अनेक युगों का संवाद है।
शो की प्रमुख परतें
- आध्यात्मिक विरासत: शिव की काशी, देव-दीपोत्सव की कथा
- ज्ञान परंपरा: बुद्ध, शैव-शाक्त, नाथ, भक्ति व सूफी संवाद
- आधुनिक इतिहास: BHU, स्वतंत्रता-संघर्ष, नए काशी कॉरिडोर
क्यों खास?
क्यूरेटेड स्क्रिप्ट, क्लासिकल-फ्यूज़न साउंडट्रैक, लेज़र/प्रोजेक्शन का सूक्ष्म तालमेल—पर्यटकों के लिए यह learn + awe मोमेंट है।
विज़ुअल हाइलाइट्स: दीयों की महासरिता, लेज़र/ग्रीन फायरवर्क्स
दीयों का सागर: लक्ष्य 10 लाख दीयों का था; स्वयंसेवी संगठनों और नागरिकों की भागीदारी से रोशनी 15–25 लाख तक पहुँची—कई तालाब/कुंड/मंदिर परिसर भी दीयों से सजे।
ग्रीन फायरवर्क्स/लेज़र: नदी के ऊपर समन्वित हरित आकाशीय आतिशबाज़ी और लेज़र शो ने उत्सव को पर्यावरण-संवेदी अंदाज़ में निखारा। आकाश में उकेरे गए पैटर्न्स और घाटों पर पड़ती छटाएँ अद्भुत थीं।
आरती की गूँज: डैशाश्वमेध पर महाआरती में 21 आचार्य और 42 कुमारिकाओं की सहभागिता—फूलों की वर्षा, दीप-दान, और राष्ट्र-समर्पण की भावना ने सबका मन जीता।
सुरक्षा, ट्रैफिक और व्यवस्थाएँ: भीड़ में भी अनुशासन
सुरक्षा-ढांचा
- नो-फ्लाई ज़ोन/ड्रोन-प्रतिबंध, नदी पुलिस/एनडीआरएफ तैनाती
- क्यूआरटी, सादा वर्दी में महिला सुरक्षा दल, CCTV निगरानी
- घाटों पर मेडिकल/फर्स्ट-रेस्पॉन्स डेस्क
ट्रैफिक/रूट
- डाइवर्ज़न, पार्क-एंड-वॉक/शटल प्वाइंट्स
- भीड़-प्रवाह के मुताबिक बैरियर/एंट्री-एग्ज़िट चैनल
- घाट-टॉप पर नियंत्रित बैठने/देखने के ज़ोन
स्वच्छता/स्वयंसेवा
- दीप संग्रह/री-यूज़ के लिए डिज़िग्नेटेड कलेक्शन पॉइंट्स
- कचरा प्रबंधन दल, नदी-तट की सफाई
- गोबर-दीप/इको-फ्रेंडली विकल्पों का प्रोत्साहन
Takeaway: लाखों की भीड़ के बीच भी व्यवस्थाओं का अनुशासन—काशी का यह “लार्ज-फॉर्मेट आध्यात्मिक आयोजन” अब एक स्थापित ऑपरेशनल मॉडल बनता जा रहा है।
तीर्थयात्रियों के लिए गाइड: कब जाएँ, कहाँ ठहरें, क्या देखें
Best Time
- कार्तिक पूर्णिमा की शाम—आरती/दीपदान के लिए 4–9 PM विंडो
- भीड़ से बचना चाहें तो एक दिन पहले/बाद के सांध्य काल
Where to Stay
- घाट-एडजेसेंट होटेल्स जल्दी बुक करें
- कांठी-चौक/लखनऊ-वाराणसी मार्ग पर बजट/मिड-रेंज विकल्प
Must-See
- डैशाश्वमेध/राजेंद्र प्रसाद/मानिकर्णिका की आरती
- चेत सिंह घाट का 3D “काशी कथा” शो (घोषित स्लॉट देखें)
- काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, गंगा पार रेत तट की झलक
संस्कृति-धारा: काशी की कथा, संगीत और स्तुति
काशी में Dev Deepawali एक रात का उत्सव नहीं—यह एक अनुभूति है। शैव परंपरा के स्तोत्रों से लेकर भक्ति/सूफी तरानों तक—रागों की अनुगूँज वैदिक मंत्रोच्चार से मिलती है। घाटों पर दीपों की शृंखला जैसे गंगा की धार को धरती पर उतार देती है—और हर ज्वाला में एक कहानी जलती है: त्याग, तप, तपस्या और त्राण।
“काशी कथा” शो की स्क्रिप्टिंग भी इसी बहु-आयामी विरासत को समेटती है—जहाँ मिथक/इतिहास समकालीन प्रस्तुति में ढलकर युवाओं तक आसानी से पहुँचते हैं। यही संगम काशी को अविनाशी बनाता है।
FAQs – Dev Deepawali Kashi 2025
1) CM योगी ने पहला दीप कहाँ जलाया?
नमो घाट पर। इसके बाद उन्होंने क्रूज़ से रोशन घाटों/गंगा आरती का दर्शन किया।
2) “काशी कथा” 3D शो क्या है?
चेत सिंह घाट पर 25 मिनट का प्रोजेक्शन-मैपिंग शो, जिसमें काशी की आध्यात्मिक/सांस्कृतिक विरासत को विज़ुअल-स्टोरीटेलिंग में दिखाया गया।
3) कितने दीये जलाए गए?
लक्ष्य 10 लाख था; रिपोर्ट्स के अनुसार जन-भागीदारी से रोशनी 15–25 लाख तक पहुँची—कई इको-फ्रेंडली दीये भी जले।
4) भीड़ में सुरक्षा/ट्रैफिक कैसे मैनेज हुआ?
नो-फ्लाई ज़ोन, ड्रोन-प्रतिबंध, एनडीआरएफ/वॉटर पुलिस/क्यूआरटी, CCTV और ट्रैफिक डाइवर्ज़न जैसी व्यवस्थाएँ लागू रहीं।
5) दर्शकों के लिए सुझाव?
पहले से बुकिंग, पैदल/शटल का उपयोग, निर्धारित एंट्री-एग्ज़िट का पालन, और कचरा प्रबंधन में सहयोग—ताकि उत्सव स्वच्छ/सुरक्षित रहे।
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