पृष्ठभूमि – F-35 क्या है और Saudi क्यों चाहती है?
(USA ) सबसे पहले समझते हैं कि F‑35 Lightning II क्या है। यह अमेरिका के Lockheed Martin द्वारा विकसित एक fifth-generation stealth multirole fighter jet है, जिसे बहुत से Analysts “world’s most advanced fighter” बोलते हैं।
Saudi Arabia ने कई वर्षों से इस जेट को खरीदने की इच्छा जताई थी क्योंकि उसे अपनी वायु-सुरक्षा और क्षेत्रीय डिफेंस-मजबूती बढ़ानी है — विशेषकर Iran, Yemen और Middle East में बदलते security dynamics के बीच।
अब सवाल यह है: अमेरिका ने क्यों अनुमति दी अब, और क्यों इस Timing पर?
घोषणा का बिंदु – Trump का ऐलान
17 या 18 नवंबर 2025 को, White House में मीडिया से बात करते हुए Donald Trump ने कहा:
“I will say that we will be doing that — we will be selling the F-35s to Saudi Arabia.”
अगले दिन Saudi Crown Prince Mohammed bin Salman की अमेरिका यात्रा होनी थी — इस दौरे को और महत्वपूर्ण बना गया यह ऐलान।
USA इस डील के ज़रिए Saudi Arabia को और करीब ला रहा है, साथ ही यह Middle East में रणनीतिक बदलाव का संकेत भी है।
डील की सामग्री और संभावित आंकड़े
डील अभी अंतिम रूप नहीं ले चुकी है — लेकिन जो जानकारी मिली है, वो इस प्रकार है:
- Saudi Arabia ने लगभग **48 विमान** (F-35s) खरीदने का अनुरोध किया है।
- प्रति विमान कीमत लगभग **US$ 100 million+** है।
- USA की रक्षा नीति में यह महत्वपूर्ण बदलाव है — अब तक Middle East में F-35 सिर्फ Israel के पास थे।
- Congress को इस सौदे पर निगरानी रखनी है, क्योंकि अमेरिका-इज़राइल नीति (Qualitative Military Edge) का सवाल उठ रहा है।
क्या ये सिर्फ जेट्स की डील है? – बड़ा Picture देखें
यह सौदा सिर्फ वायु-शक्ति बढ़ाने का नहीं है — इसके कई अन्य आयाम हैं:
- Geopolitical leverage: Saudi Arabia को चीन और रूस की ओर से बढ़ते प्रभाव से अमेरिका दूर रखना चाहता है।
- Abraham Accords-ब्रिज: इस डील को Saudi-Israel संबंधों के संदर्भ में भी देखा जा रहा है — Israel ने भी Saudi को F-35 देने पर कुछ शर्तें रखीं हैं।
- Defence-Industry link: यह Lockheed Martin व अन्य अमेरिकी रक्षा कंपनियों के लिए बड़ा सौदा होगा, साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी फायदा।
- Regional power balance: अगर Saudi के पास F-35 आएँ, तो Middle East में सैन्य संतुलन बदल सकता है — Israel की “qualitative military edge” का प्रश्न उठ जाएगा।
चिंताएँ और विरोध – क्या सवाल खड़े हो रहे हैं?
यह डील जितना अवसर ले रही है, उतने ही सवाल और आलोचनाएँ भी हैं:
- Israel का पक्ष: Israel ने कहा है कि Saudi Arabia को F-35 देने से उनकी सुरक्षा-परीक्षा प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा है कि इस डील को Saudi-Israel Normalization से जोड़ना चाहिए।
- Technology leak का डर: Pentagon और अन्य अमेरिकी स्रोतों ने चिंता जताई है कि Saudi Arabia के चीन के नज़दीकी रिश्तों के कारण F-35 की तकनीक चीन तक पहुँच सकती है।
- Congress का दबाव: अमेरिकी संसद में कई सांसद इस डील के खिलाफ हैं क्योंकि Saudi Arabia में मानवाधिकार की स्थिति, Yemen युद्ध में भूमिका आदि पर सवाल हैं।
- Delivery timeline: ऐसा नहीं कि जेट कल आ जाएँगे — तकनीकी प्रक्रिया, प्रशिक्षण, सपोर्ट सिस्टम व निगरानी की बड़ी प्रक्रिया चलने वाली है।
Saudi Arabia के लिए क्या मायने हैं?
अगर यह डील सफल होती है, तो Saudi Arabia को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
- अपने वायु-बल को world-class stealth capability मिल सकती है।
- USA के साथ उसके defence-relationship को और गहरा होगा।
- अपने क्षेत्रीय विकल्पों में इज़ाफ़ा होगा — जैसे Iran, Yemen, Red Sea में अपनी स्थिति मजबूत होगी।
- यह Saudi Arabia के Vision 2030 योजना के defence-edition को बल देगा।
USA और Saudi Arabia के रिश्ते – क्या नया मोड़?
USA-Saudi relation लंबे समय से strategic रहे हैं — लेकिन इस डील इसका एक नया चरण है।
कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
- USA Saudi Arabia से technology, AI, civil nuclear जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ा सकता है।
- Saudi Arabia USA को China-Russia से दूर रखना चाहता है — इस डील उसी रणनीति का हिस्सा है।
- Saudi Arabia की विदेश नीति, Middle East में उसकी भूमिका, U.S. द्वारा उसे trusted ally के रूप में देखना — ये सभी बदल सकते हैं।
Regional Impact – Middle East से लेकर Global Scene तक
यह डील सिर्फ USA और Saudi Arabia का नहीं बल्कि पूरे Middle East और Global security architecture पर असर डाल सकती है। कुछ बिंदु:
- Israel-Saudi relations: अगर Saudi को F-35 मिल गई, तो Israel अपनी superiority का प्रश्न उठा सकता है।
- Iran factor: Saudi की शक्ति बढ़ने से Iran-Saudi rivalry में नया मोड़ आ सकता है।
- China and Russia: अगर USA Saudi को अपने पक्ष में खींचने में सफल हुआ, तो China-Russia के influence को नुक्सान हो सकता है।
- Arms-race concern: Middle East में नया arms-race शुरू हो सकता है अगर advanced jets Gulf states को मिले।
क्या आगे क्या देखने को मिलेगा?
आगे कुछ developments हैं जिन पर निगाह रखनी होगी:
- Congress का निर्णय: अमेरिकी संसद इस डील को approve या block कर सकता है।
- Delivery schedule: Saudi Arabia कब F-35 प्राप्त करेगी, कौन-सा मॉडल (F-35A/B/C) होगा।
- Training & infrastructure: Saudi को उन जेट्स को उड़ाने, maintain करने के लिए infrastructure तैयार करना होगा।
- Use policy: Saudi Arabia उन जेट्स का इस्तेमाल कहाँ कर सकेगी — Middle East के किस हिस्से में deploy होगी।
- Israel की प्रतिक्रिया: Israel इस डील के आगे शांत रहेगा या रणनीतिक कदम उठाएगा।
निष्कर्ष: USA
इस प्रकार, USA का Saudi Arabia को F-35 बेचने का निर्णय ऐतिहासिक हो सकता है — यह Middle East में शक्ति-सामग्री का redistribution हो सकता है।
यदि यह डील सफल हुई, तो यह Saudi Arabia, USA और पूरे क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के लिए एक नया अध्याय खोलेगी।
लेकिन यह रास्ता आसान नहीं है — इसमें राजनीतिक, तकनीकी, मानवाधिकार और रणनीतिक चुनौतियाँ हैं।
अगर आप global defence, Middle East strategy या arms-sales के बारे में रुचि रखते हैं, तो यह ख़बर बाकायदा ट्रैक करने की है — क्योंकि आने वाले महीनों में इसने बहुत कुछ शिफ्ट कर देना है।
FAQs – USA
Q1. USA ने वास्तव में Saudi Arabia को F-35 बेचने की अनुमति दी है?
A. हाँ, President Donald Trump ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि USA Saudi Arabia को F-35 jets बेचने जा रहा है। यह अभी final contract नहीं है लेकिन अनुमति की दिशा में बड़ी छलाँग है। ([turn0search1])
Q2. यह डील कब पूरा हो सकती है?
A. अभी डील का final stage नहीं हुआ है — delivery, training और infrastructure तैयार करना समय लेगा। Analysts का कहना है कि अभी इसे 2-5 साल लग सकते हैं। ([turn0search10])
Q3. क्या इससे Israel की सुरक्षा प्रभावित होगी?
A. Israel ने इस डील को लेकर चिंता जताई है क्योंकि USA ने decades से यह सुनिश्चित किया है कि Israel को Middle East में ‘qualitative military edge’ मिले। Saudi को F-35 मिलना इस संतुलन को हिला सकता है। ([turn0news13])
Q4. USA इस डील से क्या हासिल करना चाहता है?
A. USA का मकसद Saudi Arabia को चीन-रूसी प्रभाव से दूर रखना है, defence-industry सहयोग बढ़ाना है, और Middle East में नया रणनीतिक गठजोड़ बनाना है।
Q5. यह डील सिर्फ जेट्स की है या इसके आगे भी कुछ है?
A. यह सिर्फ जेट्स तक सीमित नहीं है — इसके साथ AI, civil nuclear cooperation, defence infrastructure, और deeper strategic partnership भी शामिल है।
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