Trump 100 percent tariff on China दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक संघर्षों में से एक, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, अगले पन्ने की ओर बढ़ गया है। 10 अक्टूबर 2025 को, डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि 1 नवंबर या उससे पहले से अमेरिका चीन से आने वाले सभी आयातित सामानों पर 100 % अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा, मौजूदा टैक्स दरों के ऊपर। :contentReference[oaicite:0]{index=0}
इस कदम के साथ ट्रंप ने न सिर्फ व्यापारियों को चौंकाया है बल्कि वैश्विक बाजारों और आर्थिक तंत्र को भी हिलाकर रख दिया है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे — इस फैसले की पृष्ठभूमि, प्रभाव, चीन की प्रतिक्रिया, और भारत समेत अन्य देशों पर क्या असर हो सकता है।
यह निर्णय क्यों और कैसे लिया गया? Trump 100 percent tariff on China
ट्रंप ने अपनी घोषणा Truth Social पर की, जिसमें उन्होंने कहा कि चीन द्वारा हाल ही में rare earth (दुर्लभ पृथ्वी धातु) जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों का निर्यात नियंत्रण लगाने की रणनीति “बहुत hostile” है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह टैरिफ Existing टैक्स दरों के ऊपर लागू होंगे, और इसके साथ-साथ अमेरिका critical software के लिए export controls भी लागू करेगा। :contentReference[oaicite:2]{index=2}
ट्रंप ने आगे लिखा है कि यह कदम आर्थिक रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार असंतुलन को संतुलित करने की दिशा में उठाया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर चीन अपनी नई नीति वापस ले तो यह निर्णय पहले से लागू हो सकता है।
चीन-अमेरिका व्यापार तनाव: हाल-फिलहाल का इतिहास
यह पहला ऐसा विवाद नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों ने कई दौर की टैरिफ युद्ध देखी हैं। 2025 की शुरुआत में भी अमेरिका ने चीन पर उचित दरों से अधिक टैक्स लागू किए थे।
चीन ने भी अमेरिका को जवाबी टैरिफ और निर्यात नियंत्रणों से घेरा। विशेष रूप से rare earth (प्रयुक्त टेक्नोलॉजी, रक्षा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स इत्यादि में) पर नियंत्रण बढ़ाने की कदमों ने तनाव और उकसाया।
इन कदमों के बीच, दोनों देश कई बार वार्ता और समझौतों की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन स्थायी समाझौता अब तक नहीं हो पाया।
इस निर्णय का विश्व बाजारों पर असर
जब यह घोषणा हुई, तो अमेरिकी और वैश्विक शेयर बाजार हुई बड़ी गिरावट दर्ज की गई। Dow Jones लगभग 900 अंक लुढ़का, S&P 500 2.7% गिरा।
टेक्नोलॉजी शेयरों में विशेष गिरावट आई क्योंकि कई इलेक्ट्रॉनिक्स और कंपोनेंट्स चीन से ही आते हैं। Nvidia, AMD जैसे कंपनियों की स्टॉक्स पर दबाव पड़ा।
साथ ही निवेशकों में डर और अनिश्चितता की लहर दौड़ गई। दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे से इस कदम का शोकल लागू कर सकती हैं।
चीन की प्रतिक्रिया और रणनीति
चीन ने अभी तक इस नए कदम पर पूर्ण प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स कह रही हैं कि चीन WTO शिकायत और countermeasures पर विचार कर रहा है।
चीन के व्यापार मंत्रालय ने बयान दिया कि अमेरिका को “बहुपक्षीय व्यापार नियमों और बातचीत के मार्ग” अपनाने चाहिए। इसके अलावा, चीन rare earth नियंत्रण + export restrictions की अपनी नीति के पीछे खड़ा है।
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन इस समय कंपनियों को रक्षा साहित्य, mining, processing में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहा है ताकि वह इस संघर्ष से बच सके।
भारत और अन्य देशों पर असर
भारत समेत कई विकासशील देशों में इस कदम का बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि भारत कई इलेक्ट्रॉनिक और आयातित सामान चीन से लाता है, 100 % टैरिफ से कीमतें बढ़ सकती हैं।
भारत को भी मुश्किल होगी — भारतीय इंडस्ट्री, मोबाइल फोन, उपकरण, ऑटोस्पेयर पार्ट्स पर दबाव बढ़ सकता है। लेकिन साथ ही भारत अपनी मेक इन इंडिया की पहल को और मजबूत कर सकता है।
अन्य देशों जैसे जापान, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय यूनियन भी इस दक्षता वाले संकट से प्रभावित होंगे क्योंकि supply chains बहुत interconnected हैं।
विशेषज्ञों की राय(Trump 100 percent tariff on China)
अमेरिकी आर्थिक विश्लेषक माइक थॉम्पसन कहते हैं,
“100 % टैरिफ लागू करना एक बहुत बड़ा कदम है — यह संयुक्त व्यापार प्रणाली को हिला सकता है।”
चीन-विश्लेषक ली वांग कहती हैं,
“चीन retaliate कर सकता है — लेकिन उसके पास विकल्प सीमित हैं।”
कुछ विश्लेषक यह आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि यह कदम अल्पकालिक दर्द देगा लेकिन दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है — अमेरिका को व्यापार बंदरगाहों पर निर्भरता कम करने की कोशिश।
दुनिया का रुख: किसी को साथ देना चाहिए?
अमेरिका की इस नई नीति को समर्थन और आलोचना दोनों मिला है। कुछ देशों ने इसे ‘संरक्षणवाद का पुनरुत्थान’ कहा है। कुछ ने कहा कि यह कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था को vacy बनाए रखेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम केवल एक देश-विशेष संघर्ष नहीं है — यह वैश्विक व्यापार नियमों, supply chains, और टेक्नोलॉजी युद्ध की दिशा को प्रभावित करेगा।
निष्कर्ष (Trump 100 percent tariff on China)
डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला 100 % टैरिफ की ओर एक साहसिक कदम है। इसे केवल एक व्यापार नीति नहीं, बल्कि रणनीतिक आर्थिक और राजनीतिक कदम माना जाना चाहिए।
चीन ने इस पर प्रतिक्रिया के रास्ते तलाशने शुरू कर दिए हैं, और दुनिया की नजरें अब अमेरिका-चीन रिश्तों पर टिकी हैं।
क्या यह कदम सिर्फ छोटे व्यवसाइयों और उपभोक्ताओं पर दबाव डालेगा? या यह अमेरिका को trade leverage दे पाएगा? समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है — यह एक नया अध्याय बन गया है व्यापार युद्ध का।
FAQs (Trump 100 percent tariff on China)
Q1. यह 100 % टैरिफ कब से लागू होगा?
ट्रंप ने कहा है कि यह टैरिफ 1 नवंबर 2025 से या उससे पहले लागू होगा। :contentReference[oaicite:8]{index=8}
Q2. यह टैरिफ वर्तमान दरों के ऊपर होगा?
जी हाँ, यह Existing टैक्स दरों के ऊपर अतिरिक्त 100 % का शुल्क होगा। :contentReference[oaicite:9]{index=9}
Q3. यह कदम किन वस्तुओं पर प्रभाव डालेगा?
Electronics, rare earth components, machinery, auto parts और अन्य high-tech imports पर इसका बड़ा प्रभाव होगा।
Q4. क्या चीन प्रतिशोध कर सकता है?
हाँ, चीन WTO शिकायत, counter tariffs, और export restrictions जैसी रणनीतियाँ अपना सकता है।
Q5. भारत पर इसका क्या असर होगा?
भारत में आयातित सामानों की कीमतें बढ़ सकती हैं, लेकिन यह मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने का अवसर भी हो सकता है।
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