South‐India भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department – IMD) ने देश के दक्षिणी हिस्सों में **भारी वर्षा एवं तूफानी हवाओं का अलर्ट** जारी किया है, खासकर तटीय Tamil Nadu, Kerala व Karnataka राज्यों में।
📍 दक्षिण भारत- बारिश अलर्ट की वजह व प्रभाव
IMD ने दक्षिणी राज्यों में **“इंटेंस रेनफॉल”** का अलर्ट जारी किया है — विशेष रूप से तटीय Tamil Nadu, Kerala और Karnataka इलाके। :contentReference[oaicite:10]{index=10} कारण है एक निम्न-दबाव क्षेत्र जो अरब सागर तथा लाक्षद्वीप के समीप बना हुआ है और अब सक्रिय हो रहा है।
उदाहरण के तौर पर, Tamil Nadu के दक्षिणी जिलों में कुछ स्थानों पर 700 mm के करीब बारिश दर्ज हुई है। साथ ही स्कूल-कॉलेज बंद होने की खबर आई है, जलनिकासी कमजोर इलाकों में पानी भरने की समस्या उत्पन्न हुई है।
कहां-कहां है अलर्ट?
- Tamil Nadu के थानी (Theni), तेनकासी (Tenkasi), तिरुनेल्वेली (Tirunelveli) सहित कुछ गढ़ी-वाले क्षेत्र।
- Kerala के कुछ तटीय जिलों में “ऑरेंज अलर्ट” जारी।
- Karnataka के तटीय व घाटी क्षेत्रों में येलो-अलर्ट।
खास जोखिम-कारक बातें
• **जलभराव व बाढ़ की संभावना** — तटवर्ती इलाकों और घाट-क्षेत्रों में तेज-बरसात के कारण।
• **मौसमीय तूफान व गति-हवाएँ** — समुद्री इलाकों में मछुआरों को चेतावनी दी गई है।
• **परिवहन-अवरोध** — सड़कों पर पानी-भराव व फ्लाईओवर के नीचे पानी जमा होना।
• **प्राकृतिक आपदा-प्रवृत्ति** — भूमि धंसाव, पेड़ गिरना, विद्युत कटौती-जाल आदि।
प्रशासन ने राहत शिविर तैयार किये हैं, चेतावनी जारी की है कि जन-साधारण बारिश के दौरान नदी-नाले व खतरनाक स्थानों से दूर रहें।
❄️ दिल्ली-हरियाणा-चंडीगढ़ में तापमान में गिरावट: वजह व परिणाम
वहीं दूसरी ओर, भारत के उत्तरी हिस्सों में मौसम अचानक ठंडा हुआ है। खासकर दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा व चंडीगढ़ में तापमान सामान्य से कुछ डिग्री नीचे चला गया है।
उदाहरण के लिये दिल्ली में कुछ दिन पहले अधिकतम तापमान लगभग 29.4° C रहा, जो प्रायः इस समय के लिए 5° C तक कम है। यही नहीं, चंडीगढ़ व हरियाणा-पंजाब के आसपास न्यूनतम तापमान भी तेजी से गिर रहा है।
इस गिरावट के पीछे कारण क्या हैं?
• **पश्चिमी विक्षोभ एवं शुष्क हवाएँ** — हवाओं का रुख बदलने से नमी कम हुई है।
• **मानसून के पीछे हटने की प्रक्रिया** — मानसून रफ्तार से पीछे हट रहा है जिससे न्यूनतम ताप में गिरावट आ रही है।
• **रात में अधिक शीतल हरियाली-आवरण** — बादलों का कम होना — नींद व रात के तापमान को प्रभावित कर रहा है।
जीवन पर असर
इस बदलाव ने कई तरह का असर डाला है:
- घुटनों व अंगों में दर्द से परेशान लोगों को राहत मिल सकती है।
- रात-दिन के तापमान में अंतर से थकान व सर्दी-खाँसी जैसे लक्षण बढ़ सकते हैं।
- फसलों व खेत-खलिहानों में भी भू-मौसम संबंधी असर देखा जा सकता है।
आंकड़ों में देखें तस्वीर
हाल की रिपोर्ट्स में दर्ज है — दक्षिणी तमिल नाडु के कुछ हिस्सों में 24 घंटे में 700–721 mm बारिश दर्ज की गई।
वहीं उत्तर भारत में दिल्ली-एनसीआर में 16 mm से 95 mm तक बारिश एक ही दिन में दर्ज की गई थी, और तापमान 5° C तक कम हुआ था।
क्या करें – सुरक्षा और तैयारियाँ
इन मौसम-परिवर्तनों में हमारी सावधानी महत्वपूर्ण है। नीचे दिए सुझाव अपनाएं:
- बारिश-अलर्ट क्षेत्रों में: तटीय इलाकों व घाटी में यात्रा टालें, नदियों व झरनों से दूर रहें।
- उत्तरी ठंड-क्षेत्र में: सुबह-शाम अल्टरनेट कपड़े पहनें, बाहर आने से पहले मौसम देखें।
- बच्चों, वृद्धों व बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखें – ठंड लगने और जलभराव में संक्रमण का खतरा।
- गृहस्वामी-व्यापारी जलोग्रस्त इलाकों में पैर उठाकर चलें, पावर कट व फॉलरीशिंग-रिस्क के लिए तैयार रहें।
- मौसम अपडेट्स नियमित देखें, IMD की वेबसाइट या ऐप से चेतावनियाँ फॉलो करें।
निष्कर्ष
देश के दो बहुत ही अलग हिस्सों में मौसम दोनों तरफ खुद-को बदल रहा है — दक्षिण में बारिश-तूफान का खतरा, उत्तर में अचानक ठंड का असर। दोनों ही स्थिति में हमारी तैयारी व सजगता असाधारण रूप से महत्वपूर्ण है।
बारिश वाले इलाकों में स्थानीय प्रशासन व लोगों को मिलकर काम करना होगा ताकि नुकसान कम हो। वहीं ठंड के इलाकों में समय से चिकित्सा, चेतना व उचित कपड़े-उपकरण का इस्तेमाल काफी मायने रखता है। आने वाले दिनों में मौसम का आंकलन करें, सुरक्षित रहें और अपने-अपने स्थान के लिए सर्वोत्तम तैयारी करें।
मौसम का यह बदलता स्वरूप हमें यह याद दिलाता है कि प्रकृति-तंत्र में अचानक खिसकाव हो सकता है — और तैयारी ही हमारी सबसे बड़ी ढाल है।
❓ FAQs
Q1. दक्षिण भारत में बारिश का अलर्ट कब तक जारी रहेगा?
IMD ने बताया है कि तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना अगले 2-3 दिनों तक बनी हुई है।
Q2. दिल्ली-हरियाणा में तापमान सामान्य से कितनी गिरावट दिखा रहा है?
दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान लगभग 29.4° C रहा जो इस मौसम में सामान्य से लगभग 5° C कम है।
Q3. इन इलाकों में कौन-से विशेष सावधानी बरतनी चाहिए?
बारिश-प्रवण इलाकों में जल-भराव व तट से दूरी; ठंडे इलाकों में पर्याप्त कपड़े व नमी नियंत्रण आदि।
Q4. क्या मानसून पूरी तरह खत्म हो गया है?
मॉनसून अधिकांश हिस्सों से हट चुका है, लेकिन पोस्ट-मॉनसून सिस्टम सक्रिय है, इसलिए बारिश-प्रवणता बनी हुई है।
Q5. आगे मौसम किस तरह बदल सकता है?
अगर निम्न-दबाव बढ़ा तो दक्षिण में बारिश और उत्तर में जल्दी ठंड बढ़ सकती है – इसलिए मौसम अपडेट्स नियमित चेक करें।
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