PM KISAN 21st भारत के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के कोयम्बटूर से Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (PM KISAN 21) की **21वीं किस्त** जारी की है।
इस किस्त के माध्यम से लगभग **9 करोड़** से अधिक किसान-परिवारों के बैंक खातों में **₹18,000 करोड़** से अधिक की राशि सीधे ट्रांसफर की गई है।
विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में भी इस बार बड़ी संख्या में किसानों को लाभ हुआ है — यहाँ लगभग **2.15 करोड़** से अधिक किसानों को इस किस्त के तहत सहायता मिली है।
PM KISAN 21 क्या है और इस किस्त का महत्व
यह समझना जरूरी है कि PM KISAN 21 योजना क्या है:
यह भारत सरकार द्वारा संचालित एक केंद्र-मंत्रित योजना है, जिसके तहत हर योग्य किसान-परिवार को सालाना **₹6,000** की आर्थिक सहायता तीन समान किस्तों में प्रदान की जाती है।
इस 21वीं किस्त की बातें कुछ इस प्रकार हैं:
- राशि: लगभग **₹18,000 करोड़** (9 करोड़ किसान × ₹2,000 प्रति किसान)।
- किसानों की संख्या: लगभग **9 करोड़** लाभार्थी।
- उत्तर प्रदेश में लाभार्थियों की संख्या: लगभग **2.15 करोड़** +।
“This installment means real money into farmers’ pockets, directly—no middlemen, no leakages.”
उत्तर प्रदेश में क्या हुआ – बड़े आंकड़े और असर
उत्तर प्रदेश के लिए यह किस्त खास मायने रखती है क्योंकि यहाँ कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था है और लाखों किसान इस योजना पर निर्भर हैं।
कुछ प्रमुख बिंदु:
- 2.15 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ।
- पिछले किस्तों में यूपी को मिली राशि: ₹90,354.32 करोड़ तक।
- यूपी सरकार व मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम को किसान-उत्थान का अवसर माना है।
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है, ये कहते हुए कि “किसानों को इन समर्थन राशि के माध्यम से वास्तव में लाभ मिल रहा है।”
किसानों के लिए क्या बदलाव ला रही है यह राशि?
जब किसान को समय-सारिणी पर सहायता राशि मिलती है, तो उसके कई लाभ सामने आते हैं:
- फसल बोने, ट्रैक्टर/खरपतवार/बीज खरीदने आदि की लागत कम होती है।
- बिचौलियों पर निर्भरता घटती है क्योंकि सहायता सीधे खाते में जाती है।
- ई-केवाईसी, बैंक खाते और जमीन रिकॉर्डिंग जैसी प्रक्रियाएँ तेज होती हैं।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सक्रियता मिलती है—खरीद-बिक्री, लेन-देहनों की गति बढ़ती है।
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि
“₹2,000 का ट्रांसफर छोटा नहीं—यह किसानों को सम्मान और राहत दोनों देता है।”
डिजिटल सहारा और पारदर्शिता
इस किस्त को सफल बनाने में सरकारी डिजिटल-इन्फ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान है:
- Aadhaar-बैंक खाते-लिंकिंग अनिवार्य।
- eKYC, Farmer Registry तथा PM-KISAN मोबाइल ऐप जैसे डिजिटल टूल्स।
- DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सरकारी राशि सीधे खाते में ट्रांसफर।
इस बात से स्पष्ट है कि
“कई छुपी-दैनिक प्रक्रियाएँ अब खुल गयी हैं—यह ‘पेमेंट ट्रैकिंग’ का युग है।”
चुनौतियाँ और आगे की राह
हालाँकि यह एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी हैं:
- कुछ किसानों का खाता-लिंकिंग, eKYC या जमीन-दस्तावेज़ अभी भी अधूरा है।
- छोटे एवं सीमांत किसानों तक सही समय पर राशि पहुँच सुनिश्चित करना।
- इस राशि को किसान किस तरह उपयोग करते हैं—उसकी निगरानी व शिक्षा भी आवश्यक।
उदाहरण के लिए, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि
“नोएडा-गाजियाबाद समेत यूपी के लगभग 1 करोड़ किसानों की Farmer ID अभी पेंडिंग है, जिससे इस किस्त में उन्हें समस्या हो सकती है।”
देशव्यापी असर – अन्य राज्यों में क्या स्थिति है?
रिपोर्टों के अनुसार:
- इस बार लगभग 9 करोड़ किसानों को लाभ मिला है।
- उत्तरी-प्रदेश के बाद अन्य राज्यों में भी तेजी से लाभ वितरण हुआ।
यह संकेत देता है कि
“किसान-कल्याण अब सिर्फ कश्मीर-मुख्यमंत्री नहीं बल्कि राष्ट्रीय मिशन बना हुआ है।”
बुनियादी विश्लेषण – क्यों यह योजना मायने रखती है?
किसान-आधारित योजनाएँ अक्सर बहु-दशकीय प्रभाव डालती हैं। इस क्षेत्र में PM-KISAN की भूमिका कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
- KYC और बैंक-लिंकिंग ने डिलीवरी-मेकैनिज्म को मजबूत किया है।
- राशि सीधे खाते में आने से लाभार्थियों का भरोसा बढ़ा है।
- राज्य और केंद्र की समन्वित भूमिका सामने आई है।
इस तरह,
“ये राशि सिर्फ धन नहीं, धारणाओं को बदलने का प्लेटफॉर्म भी है।”
किसानों की आवाज – क्षेत्र-स्तर पर क्या कह रहे हैं?
कुछ किसानों की प्रतिक्रियाएँ इस प्रकार हैं:
- “इस राशि से हम बीज-खरपतवार समय पर ले पाए।”
- “पहले पैसे देर से आते थे, अब समय पर हो रहा है।”
- “सरकारी प्रक्रिया अब सरल लगी है—ई-केवाईसी से डर था, पर अब आसान लगा।”
यह दिखाता है कि योजना-डिलीवरी सिर्फ शासन-भाषा में नहीं बल्कि किसान-दुनिया में महसूस हो रही है।
नवीनतम समाचार अपडेट्स
- प्रेस सूचना ब्यूरो ने बताया कि 21वीं किस्त के बाद अब तक 3.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि 11 करोड़ से अधिक किसान-परिवारों को दी जा चुकी है।
- Hindustan Times में लिखा कि किस्त जारी हो गई, अब किसानों को स्टेटस चेक करना है।
- Navbharat Times में बताया गया कि यूपी के कुछ इलाकों में Farmer ID निर्माण पिछड़ रहा है, जिससे लाभ बाधित हो सकता है।
निष्कर्ष: PM KISAN 21
इस प्रकार, PM-KISAN 21वीं किस्त ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत सरकार किसान-कल्याण के मामले में सतत प्रयास कर रही है।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े कृषि-राज्य में 2.15 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे लाभ मिलने से यह योजना सिर्फ संख्या नहीं बल्कि जीवन-स्तर बदलने का साधन बनी है।
हालाँकि चुनौतियाँ अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं — Farmer ID, eKYC, जमीन-दस्तावेज़, पहुंच जैसे विषय अभी भी सक्रिय हैं। लेकिन इस सफलता-रेखा ने यह संदेश दिया है:
“किसान केंद्र में है, योजना सीधे उनके बैंक खाते में जाती है, और तभी अर्थव्यवस्था सशक्त बन सकती है।”
FAQs – PM KISAN 21
Q1. PM KISAN 21वीं किस्त कब जारी हुई?
A. 19 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने इस किस्त को लॉन्च किया है।
Q2. इस किस्त में कितनी रकम दी गई है?
A. लगभग ₹18,000 करोड़ की राशि 9 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में भेजी गई।
Q3. उत्तर प्रदेश में कितने किसानों को लाभ मिला?
A. उत्तर प्रदेश में लगभग 2.15 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिला।
Q4. यदि मुझे राशि नहीं मिली है तो क्या करें?
A. लाभ जारी नहीं होने के कारण हो सकते हैं – बैंक खाते-लिंकिंग अधूरी, Farmer ID नहीं बनी, eKYC पेंडिंग। आपको PM-KISAN पोर्टल पर “Know Your Status” चेक करना चाहिए।
Q5. यह योजना भविष्य में कितनी प्रभावी होगी?
A. यदि लाभ वितरण समय-पर और पारदर्शी ढंग से होता रहा, तो यह योजना किसानों की आय बढ़ाने, बिचौलियों पर निर्भरता कम करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को शक्ति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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