टेम्बा बावुमा की कप्तानी में Proteas ने मैच में मजबूत पकड़ बनाए रखी और Team India को लगातार दबाव में रखा।
चारों दिन के खेल में साफ नजर आया कि दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी हर सेशन में भारतीय टीम से एक कदम आगे नजर आए।चौथे दिन भी भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन SA ने बेहतरीन रणनीति और अनुशासित क्रिकेट से हर मोर्चे पर बढ़त बनाए रखी।
अब मैच का रुख लगभग दक्षिण अफ्रीका की ओर झुक चुका है और भारत को वापसी करने के लिए चमत्कार की जरूरत पड़ेगी।
India vs South Africa 2nd Test: किसके नाम रहा दिन?
चौथा दिन पूरी तरह से दक्षिण अफ्रीका के नियंत्रण में रहा (India vs South Africa 2nd Test)।
चाहे गेंदबाजी हो, बल्लेबाजी हो या फिर फील्डिंग—SA ने दबदबा बनाए रखा।
भारत को या तो एक बड़ी साझेदारी की जरूरत थी या फिर गेंद से चमत्कार की, लेकिन दोनों मोर्चों पर Team India सफलता हासिल नहीं कर सकी।
पहले सत्र में भारत ने विकेट गंवाकर शुरुआती झटका खाया।
दूसरे सत्र में South Africa ने कसी हुई गेंदबाजी से रन रोक दिए।
तीसरे सत्र में भारतीय बल्लेबाज थकान और दबाव में गलतियां करते दिखे।
India की बल्लेबाजी: चौथे दिन फिर ढही उम्मीदें
भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजों से जिम्मेदारी की उम्मीद थी, लेकिन SA के गेंदबाजों की सटीक लाइन और लेंथ के सामने भारतीय बल्लेबाज टिकते नहीं दिखे।
टेम्बा बावुमा की टीम ने भारत के टॉप-ऑर्डर को दबाव में ला दिया, जिससे शुरुआती झटकों के बाद Team India संभल नहीं सकी।
🔹 SA की तेज गेंदबाजी की धार
- नोर्गे और रबाडा ने पिच की उछाल का फायदा उठाया
- गुड लेंथ पर लगातार गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाज परेशान
- भारतीय टॉप-ऑर्डर लगातार दबाव में आउट
भारत के बल्लेबाजों की सबसे बड़ी समस्या यह रही कि कोई भी बड़ा साझेदारी नहीं कर सका।
चौथे दिन भारत को मैच बचाने के लिए 2–3 बड़ी पार्टनरशिप चाहिए थीं, लेकिन SA की आक्रामक गेंदबाजी के सामने ऐसा हो नहीं पाया।
South Africa की गेंदबाजी: मैच के असली हीरो
Proteas गेंदबाजों ने इस मैच को लगभग अपनी जेब में डाल लिया है।
चौथे दिन भी SA के गेंदबाजों ने ऐसी लाइन-लेंथ से गेंदबाजी की कि भारतीय बल्लेबाजों को स्कोर बढ़ाना मुश्किल हो गया।
रबाडा की तेज रफ्तार, नोर्गे की सटीक गेंदबाजी और स्पिनर्स की नियंत्रित बॉलिंग ने SA को मैच में पूरी पकड़ दी।
India की गेंदबाजी: मेहनत तो की, लेकिन सफलता नहीं
दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी के बाद ऐसा लग रहा था कि भारतीय गेंदबाज वापसी कर सकते हैं, लेकिन चौथे दिन गेंदबाजी में असर नहीं दिखा।
SA के बल्लेबाजों ने समझदारी से खेलते हुए लीड को बड़ा बनाया।
भारतीय गेंदबाजों ने कई मौकों पर मौके बनाए लेकिन कैच छूटने और ढीली फील्डिंग ने SA को संभलने का मौका दे दिया।
Match Situation: भारत के सामने क्या चुनौती?
चौथे दिन के खेल के बाद मैच की स्थिति कुछ ऐसे है:
- South Africa के पास मजबूत बढ़त
- India को जीतने के लिए चमत्कार की जरूरत
- ड्रा करवाना भी बेहद मुश्किल
यदि भारत को यह मैच बचाना है तो अंतिम दिन असाधारण बल्लेबाजी करनी होगी।
Pitch दिन-ब-दिन धीमी और टर्निंग होती जा रही है जिससे SA के स्पिनर और खतरनाक हो सकते हैं।
चौथे दिन के Key Highlights
- SA की गेंदबाजी एक बार फिर दिन पर हावी रही
- भारत के टॉप-ऑर्डर ने निराश किया
- South Africa ने मैच में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली
- Pitch स्लो होती दिखी, जिससे स्पिनर्स को मदद मिल रही है
- भारत के सामने आखिरी दिन कठिन चुनौती
Fans Reaction: India vs South Africa 2nd Test?
फैंस में निराशा साफ दिख रही है।
कई लोग बल्लेबाजों पर सवाल उठा रहे हैं तो कुछ टीम की चयन नीति पर चर्चा कर रहे हैं।
लेकिन हर कोई इस बात पर सहमत है कि South Africa इस मैच में अपनी प्लानिंग और execution में अव्वल रहा है।
India की रणनीति कहाँ चूकी?
1. ओपनिंग में अस्थिरता
लगातार विकेट गिरने से टीम दबाव में आ गई।
2. मिडिल ऑर्डर से उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं
रन रेट भी धीमा रहा, और विकेट भी हाथ से निकल गए।
3. गेंदबाजी में लगातार मदद नहीं मिली
स्पिनर चौथे दिन भी rhythm नहीं पकड़ पाए।
South Africa की जीत की ओर बढ़ती चाल
टेम्बा बावुमा की कप्तानी में SA ने शानदार अनुशासन दिखाया है।
हर खिलाड़ी ने अपने रोल को बखूबी निभाया।
चारों दिन Proteas टीम ने साबित किया कि स्मार्ट प्लानिंग और मजबूत execution किसी भी परिस्थिति को अपने पक्ष में मोड़ सकता है।
FAQ: India vs South Africa 2nd Test Day 4
1. भारत की स्थिति चौथे दिन कैसी रही?
भारत पूरे दिन दबाव में दिखाई दिया और SA ने मैच में नियंत्रण बनाए रखा।
2. South Africa की गेंदबाजी क्यों असरदार रही?
कसी हुई लाइन और लेंथ, सही रणनीति और तेज गेंदबाजों की धार ने SA को फायदा दिया।
3. क्या भारत मैच बचा सकता है?
बहुत मुश्किल, लेकिन आखिरी दिन लंबी पार्टनरशिप ही एकमात्र रास्ता है।
4. Pitch कैसी होती जा रही है?
धीमी और टर्निंग — स्पिनरों के लिए मददगार।
5. Match का रुख किस ओर है?
पूरी तरह South Africa की पकड़ में।
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