Digital Arrest Scam India 2025 भारत में बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों ने एक बार फिर से सबको हिला कर रख दिया है। हाल ही में एक नया और बेहद चालाक ठगी का तरीका सामने आया है — डिजिटल अरेस्ट। इस मामले में न सिर्फ आम लोग बल्कि पढ़े-लिखे करोड़पति और बिज़नेस क्लास के लोग भी फंस चुके हैं।
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात ये है कि अपराधियों ने पीड़ितों को 40 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा, और इस दौरान उनके सारे बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लिए। यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक बड़े स्कैम का हिस्सा है जो भारत के कई राज्यों में फैल चुका है।
क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम?
Digital Arrest Scam India 2025 एक नया साइबर फ्रॉड ट्रेंड है जिसमें अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी, CBI एजेंट या बैंक अधिकारी बनकर पेश करते हैं। वे पीड़ित को बताते हैं कि उसके नाम से किसी अपराध में पैसा ट्रांसफर हुआ है या उसके अकाउंट से मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।
इसके बाद अपराधी पीड़ित को डराते हैं कि उसके खिलाफ केस दर्ज हो गया है और अब उसे “डिजिटल अरेस्ट” में रहना होगा। यानी, वह घर से बाहर नहीं जा सकता, किसी से बात नहीं कर सकता और उसे लगातार वीडियो कॉल पर रहना होगा ताकि “जांच” पूरी की जा सके।
इस दौरान अपराधी उसकी हर गतिविधि पर नज़र रखते हैं और धीरे-धीरे उसके बैंक अकाउंट, UPI IDs और पर्सनल जानकारी हासिल कर लेते हैं।
40 दिन का डिजिटल कैद – करोड़पति पीड़ित की कहानी
दिल्ली के एक 42 वर्षीय बिजनेसमैन, जो एक प्रतिष्ठित कंपनी के मालिक हैं, उन्हें एक दिन एक कॉल आई। सामने वाले ने खुद को “मुंबई क्राइम ब्रांच” का अधिकारी बताया। उसने कहा कि उनके अकाउंट से एक ड्रग माफिया को पैसा भेजा गया है और अब उन पर गंभीर आरोप लगे हैं।
जब पीड़ित ने सफाई देने की कोशिश की, तो आरोपी ने कहा, “हम आपकी लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं, अगर आप सहयोग नहीं करेंगे तो आपको तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा।” डर के मारे बिजनेसमैन ने सबकुछ मान लिया।
अगले 40 दिनों तक उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया — वे हर समय वीडियो कॉल पर रहते थे, ना बाहर जा सकते थे, ना परिवार से मिल सकते थे। इस बीच अपराधियों ने धीरे-धीरे उनके बैंक अकाउंट, पासवर्ड, ओटीपी और अन्य डिटेल्स हासिल कर लिए और करीब ₹2.4 करोड़ का फंड साफ कर दिया।
कैसे किया जाता है यह साइबर फ्रॉड?
1. अपराधी सबसे पहले सोशल मीडिया या बैंक डेटा से संभावित पीड़ितों की जानकारी जुटाते हैं।
2. फिर वे एक कॉल या ईमेल के जरिए खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं।
3. वे पीड़ित को डराते हैं कि उसके खिलाफ केस दर्ज है।
4. “जांच के नाम पर” वीडियो कॉल के जरिए निगरानी रखते हैं।
5. धीरे-धीरे बैंक लॉगिन, ओटीपी और अकाउंट एक्सेस लेकर पूरा पैसा निकाल लेते हैं।
यह स्कैम न सिर्फ तकनीकी रूप से एडवांस है बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी बहुत चालाक है। पीड़ित डर और शर्म के कारण किसी को नहीं बताते, जिससे अपराधियों को खुली छूट मिल जाती है।
भारत में साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाएं
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के मुताबिक, 2024 में भारत में 13 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड केस दर्ज किए गए। इनमें से 60% मामले बैंकिंग और UPI से जुड़े थे।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि अब अपराधी AI वॉइस मॉडिफिकेशन और डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल करने लगे हैं ताकि कॉल और वीडियो पर वे असली पुलिस या सरकारी अधिकारी लगें।
कौन-कौन सी एजेंसियां अब जांच में जुटी हैं?
इस मामले के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल, मुंबई क्राइम ब्रांच और CBI ने संयुक्त जांच शुरू की है। जांच में पता चला है कि ये कॉल्स नेपाल और हॉन्गकॉन्ग से की जा रही थीं।
इसके अलावा, कुछ अपराधी भारत के अंदर से भी कॉल फॉरवर्डिंग सर्विस और फर्जी IP एड्रेस का उपयोग कर रहे थे ताकि उनकी लोकेशन ट्रैक न की जा सके।
लोगों को सतर्क रहने की सलाह – Digital Arrest Scam India 2025
1. अगर कोई खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर कॉल करे, तो तुरंत कॉल काट दें।
2. किसी भी वीडियो कॉल पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
3. अपने बैंक अकाउंट, पासवर्ड, OTP किसी के साथ शेयर न करें।
4. ऐसे मामलों की रिपोर्ट तुरंत cybercrime.gov.in या 1930 हेल्पलाइन पर करें।
सरकार ने दिए नए साइबर सुरक्षा दिशा-निर्देश Digital Arrest Scam India 2025
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में एक नया ड्राफ्ट जारी किया है जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति के साथ वीडियो कॉल द्वारा धमकी देने या “डिजिटल अरेस्ट” में रखने का प्रयास गंभीर साइबर अपराध की श्रेणी में आएगा।
साथ ही, बैंक और डिजिटल पेमेंट कंपनियों को अब संदिग्ध ट्रांजैक्शन के लिए तुरंत ग्राहक को अलर्ट भेजना अनिवार्य कर दिया गया है।
कैसे करें खुद को डिजिटल अरेस्ट जैसे फ्रॉड से सुरक्षित Digital Arrest Scam India 2025?
- अपनी सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की प्राइवेसी सेटिंग्स मजबूत करें।
- फोन या ईमेल पर आए किसी भी सरकारी संदेश की पुष्टि आधिकारिक वेबसाइट से करें।
- कोई भी कॉल जो डर पैदा करे या जांच की बात करे, उसकी रिकॉर्डिंग रखें और रिपोर्ट करें।
- अगर आप किसी वीडियो कॉल पर हैं और कोई व्यक्ति “सरकारी अधिकारी” होने का दावा करे, तो तुरंत स्क्रीनशॉट लें और शिकायत करें।
निष्कर्ष – Digital Arrest Scam India 2025
40 दिन का डिजिटल अरेस्ट स्कैम यह दिखाता है कि टेक्नोलॉजी के युग में सिर्फ शिक्षा या अमीरी नहीं, बल्कि साइबर जागरूकता ही असली सुरक्षा है। करोड़ों रुपये गवाने वाले ये मामले इस बात की गवाही देते हैं कि आज हर इंसान को डिजिटल सावधानी की जरूरत है।
जितनी तेजी से डिजिटल इंडिया बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से साइबर अपराध भी। इसलिए खुद को और अपने परिवार को जागरूक बनाएं, क्योंकि डिजिटल सुरक्षा अब हर नागरिक की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
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