Delhi NCR Firecrackers Ban नई दिल्ली: हर साल दिवाली के आते ही दिल्ली-NCR के लोगों के मन में एक ही सवाल घूमता है — “क्या इस बार पटाखे चलेंगे या फिर फिर से बैन रहेगा?” और अब 2025 की दिवाली करीब आते ही ये चर्चा एक बार फिर जोरों पर है। इस बार सरकार और कोर्ट दोनों की तरफ से संकेत मिले हैं कि पटाखों पर लगाया गया बैन हटाया जा सकता है — लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
Delhi NCR Firecrackers Ban Update 2025 — क्या है पूरा मामला?
पिछले कई सालों से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में दिवाली के वक्त पटाखों पर पूरी तरह बैन लगाया गया था। इसकी वजह थी — हर साल बढ़ता प्रदूषण, खासकर PM 2.5 और AQI का लेवल जो आसमान छू जाता था।
लेकिन इस बार हालात थोड़ा अलग हैं। दिल्ली सरकार और एनवायरनमेंटल बोर्ड दोनों ने माना है कि इस बार पिछले सालों के मुकाबले हवा थोड़ी साफ है। साथ ही लोगों के बीच Green Crackers यानी कम प्रदूषण वाले पटाखों की डिमांड भी बढ़ी है।
ऐसे में संभावना है कि सरकार दिवाली से पहले ग्रीन पटाखों की लिमिटेड सेल और उपयोग की अनुमति दे सकती है।
ग्रीन पटाखे क्या हैं और कैसे अलग हैं?
ग्रीन पटाखे (Green Firecrackers) ऐसे पटाखे होते हैं जो पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30-40% कम प्रदूषण फैलाते हैं।
- इनमें सल्फर और नाइट्रेट की मात्रा कम होती है।
- इनसे निकलने वाला धुआं और आवाज़ दोनों ही नियंत्रित होते हैं।
- CSIR-NEERI (नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने इन्हें विकसित किया है।
सरकार इस बार इन्हीं ग्रीन पटाखों को लेकर नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है।
सोशल मीडिया पर लोगों की राय
जैसे ही ये खबर सामने आई कि इस बार पटाखों से बैन हट सकता है, Twitter (अब X), Instagram और Facebook पर लोगों ने अपने रिएक्शन देने शुरू कर दिए।
कुछ लोग बोले —
“बचपन की यादें फिर से ताजा होंगी अगर इस बार पटाखे चलाने को मिल जाएं।”
वहीं कुछ ने कहा —
“दिल्ली में हवा पहले ही खराब है, ऐसे में पटाखों की इजाज़त देना ठीक नहीं।”
इससे साफ है कि जनता दो हिस्सों में बंट चुकी है — एक तरफ त्योहार की खुशी, दूसरी तरफ पर्यावरण की चिंता।
प्रदूषण का स्तर और सरकार की चिंता
दिल्ली का AQI (Air Quality Index) दिवाली के आस-पास 300 से 500 के बीच पहुंच जाता है, जो “Severe” कैटेगरी में आता है। इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने पहले कई बार बैन को जारी रखा था।
हालांकि इस बार मॉनसून के बाद हवा की क्वालिटी कुछ बेहतर बताई जा रही है, और सरकार का कहना है कि अगर Green Crackers के नियमों का पालन हो, तो “Controlled Celebration” की अनुमति दी जा सकती है।
कोर्ट और सरकार की ओर से क्या बयान आया?
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री ने कहा —
“हम सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए निर्णय लेंगे। अगर Green Crackers के इस्तेमाल से पर्यावरण पर असर नहीं पड़ता, तो हम बैन पर पुनर्विचार करेंगे।”
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में एक सुनवाई में कहा कि —
“अगर वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कम-प्रदूषण वाले पटाखे उपलब्ध हैं, तो उन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित करना उचित नहीं।”
इससे उम्मीद बढ़ी है कि 2025 में दिवाली का त्यौहार थोड़ी रोशनी और थोड़े पटाखों के साथ मनाया जा सकेगा।
दिल्लीवालों की तैयारी शुरू!()
Delhi NCR Firecrackers Ban जैसे ही खबर आई कि बैन हट सकता है, दिल्ली के बाजारों में हलचल तेज हो गई है। पटाखा डीलर्स पहले से Green Crackers के स्टॉक की तैयारी करने लगे हैं।
लोग अपने घरों की सजावट, लाइट्स, मिठाइयों के साथ-साथ अब बच्चों के लिए पटाखे खरीदने की भी प्लानिंग कर रहे हैं।
कई जगहों पर दुकानदारों ने पोस्टर लगा दिए हैं —
“सिर्फ Green Crackers बिकेंगे!”
अगर बैन हटता है तो कौन से नियम लागू होंगे?
अगर दिल्ली सरकार अनुमति देती है, तो पटाखों पर कुछ सख्त नियम लागू होंगे:
- सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बिकेंगे।
- पटाखे चलाने का टाइम शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक सीमित रहेगा।
- सिर्फ लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं से पटाखे खरीदे जा सकेंगे।
- सार्वजनिक जगहों, सड़कों या अस्पतालों के पास पटाखे जलाना सख्त मना होगा।
- ऑनलाइन पटाखों की बिक्री या डिलीवरी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
एक्सपर्ट की राय(Delhi NCR Firecrackers Ban)
एनवायरनमेंट एक्सपर्ट्स का कहना है कि —
“ग्रीन पटाखे भी पूरी तरह प्रदूषण-मुक्त नहीं हैं, लेकिन अगर जनता जिम्मेदारी से इनका इस्तेमाल करे तो नुकसान कम किया जा सकता है।”
उन्होंने सलाह दी कि लोग कम मात्रा में पटाखे चलाएं, और कोशिश करें कि दिवाली को रोशनी, सजावट और खुशी से मनाएं — न कि धुएं से।
विदेशों में कैसे मनाई जाती है पर्यावरण-फ्रेंडली दिवाली?
विदेशों में बसे भारतीय अब Eco-friendly Diwali को नया ट्रेंड बना चुके हैं। लंदन, दुबई और न्यूयॉर्क में लोग
LED दीये, फूलों की सजावट और कैंडल्स से दिवाली मनाते हैं।
यहां तक कि स्कूलों और मंदिरों में भी “Say No To Firecrackers” अभियान चलाया जाता है।
ऐसे में भारत में भी धीरे-धीरे लोगों की सोच बदल रही है।
जनता की आवाज़ — “थोड़ा पटाखा, ज़्यादा खुशियां!”
दिल्ली के कई परिवारों ने कहा —
“हम समझते हैं कि प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, लेकिन दिवाली पर थोड़ी खुशियां मनाने से किसी को नहीं रोकना चाहिए। अगर सरकार ग्रीन पटाखों की इजाज़त दे, तो सभी नियमों का पालन किया जाएगा।”
कई युवा बोले —
“दिवाली का मतलब सिर्फ पटाखे नहीं, लेकिन बिना पटाखों के त्यौहार अधूरा लगता है।”
निष्कर्ष — क्या इस दिवाली गूंजेगी फिर से ‘बूम-बूम’?(Delhi NCR Firecrackers Ban)
इस बार की दिवाली दिल्लीवालों के लिए कुछ खास हो सकती है। अगर सुप्रीम कोर्ट और सरकार की सहमति मिलती है, तो 2025 में दिल्ली-NCR में पटाखों से हट सकता है बैन — लेकिन सिर्फ ग्रीन पटाखों पर।
लोगों की उम्मीदें अब सरकार के अगले फैसले पर टिकी हैं। आखिर, दिवाली सिर्फ एक त्यौहार नहीं — यह रोशनी, एकता और खुशियों का प्रतीक है। अगर जिम्मेदारी से मनाई जाए, तो यह त्यौहार सबके लिए सुरक्षित और सुंदर बन सकता है।
FAQs — दिल्ली में दिवाली पटाखों पर बैन से जुड़े सवाल(Delhi NCR Firecrackers Ban)
Q1. क्या 2025 में दिल्ली में पटाखे चलाने की अनुमति होगी?
सरकार इस पर विचार कर रही है। संभावना है कि सिर्फ ग्रीन पटाखों की अनुमति मिलेगी।
Q2. ग्रीन पटाखे कहां से खरीदे जा सकते हैं?
सिर्फ लाइसेंस प्राप्त दुकानों से, जो CSIR-NEERI सर्टिफाइड पटाखे बेचेंगे।
Q3. पटाखे चलाने का समय क्या होगा?
शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक का स्लॉट तय किया गया है।
Q4. क्या ऑनलाइन पटाखे खरीदे जा सकते हैं?
नहीं, ऑनलाइन बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।
Q5. क्या पटाखों से प्रदूषण कम होगा?
ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30-40% कम प्रदूषण फैलाते हैं।
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