क्या है SIR?

इतना बड़ा ऑपरेशन क्यों?
पश्चिम बंगाल में कुल लगभग 7.6 करोड़ मतदाता हैं, जो 294 विधानसभा क्षेत्रों में फैले हैं।
इनमें से करीब 32% मतदाता पहले से SIR-2002 voter roll data से मेल खाते हैं — यानी करीब 2.4 करोड़ लोग जिनको दस्तावेज़ जमा करने की ज़रूरत नहीं होगी।
लेकिन बाकी मतदाता verification प्रक्रिया से होकर गुजरेंगे इसलिए door-to-door enumeration जरूरी है। यह प्रक्रिया electoral rolls की “cleanliness & inclusiveness” सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
BLOs & Helpdesks — सबसे बड़ी तैनाती
इस rollout के लिए लगभग 80,681 Booth-Level Officers (BLOs) नियुक्त किए गए हैं।
इसके अलावá 14,000 BLOs की reserve ड्यूटी रखी गयी है ताकि contingency हो सके।
इसके साथ ही पूरे प्रदेश में 659 helpdesks स्थापित की गई हैं, जो voters को queries और complaints को उठाने में सहायता देंगी।
तैयारी और चुनौतियाँ
Election Commission और CEO West Bengal की टीम ने BLOs को training दी है — procedural guidelines, mobile-app training, enumeration forms की प्रक्रिया और reporting mechanism पर।
लेकिन challenges भी हैं: कुछ BLOs ने कहा है कि उन्हें अभी enumeration forms मिलने में देरी हो रही है। उदाहरण के लिए Kolkata के Alipore survey building में BLOs forms collect करने जम गए पर forms ready नहीं थे।
एक BLO का कहना है: “हमारे पास कोई clear updated list नहीं मिली है — हम पिछले voter list से follow करेंगे और high-density voter areas को प्राथमिकता देंगे।”
Security concerns भी उठे हैं — BLOs को field-level duties के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद
तैयारी के दौरान Trinamool Congress (TMC) ने parallel voter-assistance camps की घोषणा की है ताकि वे सुनिश्चित कर सकें कि कोई eligible voter exclusion न हो।
TMC का कहना है कि SIR प्रक्रिया निष्पक्ष होनी चाहिए और उन्होंने आरोप लगाए हैं कि verification में कुछ booths में eligible voters की सूची से हटाया जा सकता है।
उन्होंने कहा है कि वे हर विधानसभा क्षेत्र में monitoring war-rooms बनाएंगे और voter-assistance camps चलाएँगे ताकि procedure transparency बनी रहे।
क्या आप प्रभावित हैं? — Voter के लिए जानना जरूरी बातें
यदि आपका नाम voter list में है लेकिन आपने कभी बदल नहीं किया है — आपके पास कुछ नया दस्तावेज़ देना पड़ सकता है। यदि आपका नाम SIR-2002 list में पहले मिला था, तो आपको कम hassles होंगी।
लेकिन यदि आप नए voter हैं, या migration के बाद boundary बदल गई है, या documents verified नहीं हैं — आपको enumeration form भरना पड़ सकता है, identity proof देना पड़ सकता है।
साथ ही चुनाव आयोग ने helpline के ज़रिये शिकायत/शंका लेने का प्रावधान किया है ताकि voters transparency और grievance redressal कर सकें।
समय-सारिणी और प्रोसेस का flow
SIR प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर लगभग एक महीने चलेगी। BLOs लगभग सुबह 10:30 बजे से शाम 4 बजे तक enumeration visits करेंगे।
हर voter से enumeration forms भरे जाएंगे; कुछ मामलों में voter-cooperation की आवश्यकता होगी। यदि voter अनुपस्थित हो, BLOs revisit कर सकते हैं या alternate arrangement हो सकता है।
Helpdesks और grievance cell लगभग district-level support दे रहे हैं और BLOs के काम को assist कर रहे हैं।

चिंताएँ और उम्मीदें
चिंताएँ इस बात की हैं कि प्रक्रिया पुरानी voter-roll data (2002 SIR data) पर heavily rely कर रही है — यदि कहीं records inaccurate हों या outdated हों, voters को परेशानी हो सकती है।
लेकिन उम्मीद यह भी है कि इस प्रोसेस से voter roll errors कम होंगे, duplicate registrations कम होंगी और final voter list elections-ready होगी। यह democracy infrastructure को मजबूत कर सकता है।
क्या करना चाहिए Voters को?
- अपने BLO से संपर्क करें और यह पता करें कि आप enumeration का भाग हैं या नहीं।
- यदि आपने एस-आर्ईआर के दौरान दस्तावेज़ नहीं जमा किया था, helpline number का उपयोग करें।
- District या Assembly constituency level helpdesks में जाकर जानकारी लें।
- यदि आपको लगता है कि आपकी जानकारी गलत है, objection/claim फार्म भरें।
- समय पर enumeration form भरें और BLOs की निर्धारित समय में जवाब दें।
निष्कर्ष
West Bengal में यह SIR rollout सिर्फ एक procedural exercise नहीं है — यह वोटिंग व्यवस्था की credibility का test है। इतने numbers, इतने officers और helpdesks के साथ यह दिखाता है कि Election Commission इस बार voter-verification में गहरी दिलचस्पी ले रही है।
लेकिन anxiety भी है — field-level challenges, political scrutiny, पोस्ट-verification disputes — सब हो सकते हैं। यह voters और administrators दोनों के लिए बड़ी जिम्मेदारी है।
यदि यह इंफॉर्मल verification साफ़ रूप से और पारदर्शी तरीके से हो, तो यह democratic trust को बढ़ा सकती है। पर यदि delays, complaints और confusions बढ़ें, तो जन-विश्वास पर असर पड़ेगा।
FAQs
- Q: SIR rollout कब शुरू हो रही है?
A: यह 4 नवंबर 2025 से शुरू हो रही है। - Q: BLOs कितने नियुक्त किए गए हैं?
A: लगभग 80,681 BLOs, और 14,000 reserve BLOs रखे गए हैं। - Q: क्या हर मतदाता को फॉर्म भरना होगा?
A: नहीं, जो व्यक्ति पहले से SIR-2002 rolls से match करता है, उसे दस्तावेज़ नहीं देना पड़ सकता — लगभग 32% voters ऐसी स्थिति में हैं। - Q: Helpdesk सुविधाएँ कहाँ उपलब्ध हैं?
A: पूरे राज्य में 659 helpdesks स्थापित किए गए हैं। - Q: इस प्रक्रिया में शिकायत कैसे करें?
A: Election Commission ने voter helpline (1950) जैसी सुविधाएँ दी हैं; voters district-level grievance desks का उपयोग कर सकते हैं।
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