यह क्षण करोड़ों राम भक्तों के लिए भक्ति, गर्व और भावनाओं से भरा हुआ था।
ध्वजारोहण के बाद मंदिर परिसर में आध्यात्मिक उल्लास का माहौल रहा और पूरे शहर में उत्सव जैसा नजारा दिखा।इसी बीच राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद केस के पूर्व मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा—
“अयोध्या देवताओं की नगरी है। प्रधानमंत्री का ध्वजारोहण स्वागत योग्य है। जो भी काम शांति और सद्भाव बढ़ाए, वह अच्छा है।(Ayodhya Shri Ram Temple)”
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है, जहां लोग इसे ‘समाज में एकता और सौहार्द का संदेश’ बता रहे हैं।
PM Modi का ध्वजारोहण: इतिहास का सुनहरा पल
प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धर्म ध्वज फहराया।
ध्वज फहरते ही पूरा परिसर “जय श्री राम” के नारों से गूंज उठा।
मंदिर के शिखर पर लहराता भगवा ध्वज अयोध्या की पवित्रता और हिंदू संस्कृति की अटूट परंपरा को दर्शाता है।
ध्वजारोहण के साथ ही मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन हुआ और पूरे शहर में भव्य सजावट ने इस उत्सव को दीपोत्सव जैसा बना दिया।
इकबाल अंसारी का बयान: सौहार्द का संदेश
इकबाल अंसारी लंबे समय से अयोध्या विवाद से जुड़े चेहरे रहे हैं।
उन्होंने ध्वजारोहण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा—
“अयोध्या देवताओं की नगरी है। जो भी धार्मिक कार्य होते हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। मोदी जी ने जो किया वह शांति और आस्था से भरा हुआ कार्य है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या अब विकास, पर्यटन और शांति का प्रतीक बन चुकी है और यहां आने वाले हर धर्म के लोग स्वागत योग्य हैं।
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रिया ला रहा है—लोग उन्हें ‘सद्भाव की आवाज’ कह रहे हैं।
अयोध्या में माहौल कैसा रहा?
ध्वजारोहण के दौरान पूरे अयोध्या में उत्सव जैसा वातावरण था।
राम पथ, जन्मभूमि पथ और हनुमानगढ़ी सहित कई जगहों पर फूलों की सजावट, दीपों की रौशनी और भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई दी।
- सरयू तट पर विशेष आरती
- रंगोली और दीप सजावट
- भजन-संध्या के कार्यक्रम
- श्रद्धालुओं की भारी भीड़
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर उद्घाटन के बाद यह पहला इतना बड़ा धार्मिक आयोजन था, जिसमें देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग शामिल हुए।
धर्म ध्वज का महत्व: आस्था और परंपरा का प्रतीक
धर्म ध्वज सिर्फ एक झंडा नहीं बल्कि हिंदू धर्म के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्य का प्रतीक है।
मंदिर में ध्वज फहराने का मतलब है—
- आस्था की विजय
- धर्म और शांति का संदेश
- रामराज्य के आदर्शों का स्मरण
- समाज में सकारात्मकता और एकता
PM Modi द्वारा स्वयं ध्वज फहराना इस आयोजन को और भी ऐतिहासिक बना देता है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल-Ayodhya Shri Ram Temple
PM Modi के ध्वजारोहण और इकबाल अंसारी के बयान के बाद राजनीतिक माहौल भी गर्म हो गया है।
विपक्ष जहां इस आयोजन को “राजनीतिक संदेश” बता रहा है, वहीं सरकार इसे “आस्था और संस्कृति का उत्सव” कह रही है।
कई राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अयोध्या से निकला यह संदेश सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय भावना को मजबूत करता है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड-Ayodhya Shri Ram Temple
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लोगों ने तस्वीरें, वीडियो और अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किए।
कई लोग इकबाल अंसारी के बयान की तारीफ करते दिखे क्योंकि इससे हिंदू–मुस्लिम सौहार्द का संदेश जाता है।
अयोध्या का बदलता स्वरूप-Ayodhya Shri Ram Temple
मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या सिर्फ धार्मिक शहर नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक पर्यटन स्थलों में शामिल हो गया है।
विकास कार्य लगातार तेज गति से चल रहे हैं—
- नए सड़क मार्ग और राम पथ का विस्तार
- अयोध्या अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट
- सरयू रिवर फ्रंट का विकास
- अनेक धर्मशालाएं और होटल
इकबाल अंसारी ने भी कहा कि “अयोध्या दुनिया में शांति और आध्यात्मिकता का मॉडल बन सकती है।”
ध्वजारोहण के बाद हुए आयोजन-Ayodhya Shri Ram Temple
- वैदिक मंत्रों के साथ विशेष पूजा
- सांस्कृतिक कार्यक्रम
- श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण
- सरयू नदी पर भव्य संध्या आरती
धार्मिक माहौल के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी थी।
हजारों पुलिसकर्मी, ड्रोन निगरानी और विशेष कमांडो तैनात रहे।
FAQ: Ayodhya Shri Ram Temple
1. PM Modi ने अयोध्या में क्या किया?
PM Modi ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के ऊपर धर्म ध्वज फहराया और विशेष पूजा में भाग लिया।
2. इकबाल अंसारी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा—“अयोध्या देवताओं की नगरी है। हम शांति और सौहार्द के साथ रहने का संदेश देते हैं।”
3. क्या ध्वजारोहण एक धार्मिक परंपरा है?
हाँ, यह हिंदू धर्म में आस्था, शक्ति और संस्कृति का प्रतीक है।
4. अयोध्या में भीड़ कैसी थी?
हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और माहौल बेहद भव्य था।
5. क्या यह हर साल होगा?
मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, ध्वजारोहण वार्षिक परंपरा के रूप में जारी रह सकता है
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