संक्षिप्त कथन – क्या हुआ Justice Surya Kant?
देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है जब Justice Surya Kant ने 24 नवंबर 2025 को सुबह राष्ट्रपति Droupadi Murmu के समक्ष भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली।
उनका कार्य-काल लगभग 14-15 महीने का रहेगा (नियुक्ति से लेकर रिटायरमेंट तक) — 9 फरवरी 2027 को वे 65 वर्ष की आयु पूरी करके पद से निवृत्त होंगे।
जीवन-सफ़र और पृष्ठभूमि: Justice Surya Kant
Justice Kant का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के पेटवार गाँव में एक मध्यम-वर्गीय परिवार में हुआ था।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल में पूरी की, उसके बाद एलएलबी Maharishi Dayanand University, Rohtak से 1984 में पूर्ण की।
2011 में उन्होंने मास्टर ऑफ लॉ (LLM) Kurukshetra University से ‘First Class First’ के साथ प्राप्त किया।
वकालत उन्होंने 1984 में हिसार के जिला न्यायालय से शुरू की, 1985 में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (चंडीगढ़) में अभ्यास किया। 2000 में हरियाणा के youngest Advocate-General बने।
9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।
5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस बने और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति मिली।
मुख्य न्यायिक योगदान और यादगार फैसले
Justice Kant को कई संवैधानिक एवं राष्ट्रीय महत्व के मामलों में भूमिका निभाते देखा गया है, जिनमें शामिल हैं:
- Article 370 निरस्तीकरण तथा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित मामलों में भागीदारी।
- ‘Sedition law’ (उपेक्षा) पर फैसला-यह आदेश कि नई FIR दाखिल न की जाएँ जब तक सरकार समीक्षा नहीं करे।
- Special Intensive Revision (SIR) के दौरान बिहार में लगभग 65 लाख वोटर्स के नाम ड्राफ्ट सूची से बाहर होने के संबंध में मतदान आयोग (EC) को जानकारी देने का निर्देश। :contentReference[oaicite:14]{index=14}
- One-Rank-One-Pension (OROP) मामले में फैसला कि यह संवैधानिक रूप से वैध है।
- उनकी न्यायिक प्रवृत्ति में ‘पेंडेंसी कम करना’ तथा constitutional bench के मामलों में गति लाने की दिशा प्रमुख रही है।
विशिष्टताएँ – क्या नया है इस न्यायाधीश में?
Justice Surya Kant ने कई ‘पहले’ रचे हैं:
- हरियाणा से पहला-सीजेआई।
- पहली पीढ़ी के वकील (lawyer) से शीर्ष पद तक उठने वाले।
- कम-से-कम समय में विशिष्ट न्यायिक अनुभव वाले न्यायाधीश।
प्राथमिकताएँ एवं अगले कदम
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद Justice Kant ने कहा है कि उनकी मुख्य प्राथमिकता होगी – देश-भर में लंबित मामलों (पेंडेंसी) को कम करना। उन्होंने उल्लेख किया कि कई बड़े मामलों का पेंडिंग होना हाई कोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट दोनों पर दबाव डाल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि Constitutional benches में लंबित मामलों को शीघ्र रूप से निपटाना होगा ताकि अन्य मामलों का मार्ग खुल सके।
चुनौतियाँ – सामने क्या हैं?
इस नए कार्य-काल के दौरान उन्हें निम्न-लिखित बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा:
- सुप्रीम कोर्ट एवं उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या — देश में न्याय पहुंच की गति प्रभावित हो रही है।
- संवैधानिक बैन्च मामलों की लंबी पेंडेंसी — बड़े प्रश्न जैसे राज्य-शासन, गवर्नर शक्तियाँ, चुनावी विवाद आदि।
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता एवं कार्य-क्षमता का संतुलन — सामाजिक, राजनीतिक एवं तकनीकी दबाव के बीच न्याय *सुनिश्चित* करना।
- न्यायप्रवेश (access to justice) को बेहतर बनाना — विशेषकर कमजोर तबकों, गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए।
क्या कोर्ट की दिशा बदल सकती है?
न्यायपालिका पर यह ध्यान बढ़ रहा है कि वो सिर्फ विवादों का समाधान न करे बल्कि भविष्य-निर्माण (forward-looking jurisprudence) में भूमिका निभाए। Justice Kant के वरिष्ठ-अनुभव और न्याय-रुझान यह संकेत देते हैं कि *“न्याय-प्रवर्तन + द्रुत निर्णय”* के बीच संतुलन बनाने की कोशिश होगी।
लेटेस्ट न्यूज़ – (Justice Surya Kant)
- Justice Surya Kant sworn in as 53rd CJI — surya-kant-sworn-53rd-cji. ([turn0news11])
- CJI BR Gavai recommends Justice Surya Kant as next CJI — gavai-recommends-surya-kant-next-cji. ([turn0news18])
- Legal community reacts to new CJI Surya Kant – legal-community-reacts-surya-kant.
- Justice Surya Kant’s priority: pendency reduction — surya-kant-priority-pending-cases.
- First Haryana-born CJI: Surya Kant’s journey — first-haryana-born-cji-surya-kant. ([turn0search7])
FAQs — Justice Surya Kant
Q1: Justice Surya Kant कब और किसने CJI बनाये?
A: उन्होंने 24 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमु द्वारा शपथ ली और भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश कहलाये।
Q2: उनका कार्य-काल कितना रहेगा?
A: लगभग 14-15 महीने का होगा — वे 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु पूरी करके रिटायर होंगे।
Q3: उनका पृष्ठभूमि क्या है?
A: हरियाणा के हिसार जिले में जन्में, वकील से उठते-उठते उन्होंने उच्च न्यायिक पद हासिल किया। वे पहले-पीढ़ी वकील थे जो CJI बने।
Q4: उन्हें किन प्रमुख मामलों में भूमिका रही है?
A: Article 370, SIR वोटर-रोल्स, Sedition law review, OROP जैसे सवालों पर उनका काम उल्लेखनीय है।
Q5: उनकी प्राथमिकताएँ क्या होंगी CJI के रूप में?
A: पेंडेंसी कम करना, Constitutional benches की गति बढ़ाना, न्यायप्रवेश सुनिश्चित करना — इन पर उन्होंने शुरुआत में ही जोर दिया है।
निष्कर्ष — Justice Surya Kant
Justice Surya Kant का सीजेआई पद ग्रहण सिर्फ एक नाम बदलने का मामला नहीं है —
यह न्यायपालिका के सामने आने वाले नए सवालों और चुनौतियों का समय है।
अगर वे अपनी कवायद में सफल रहे, तो न्याय-प्रवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
देश उम्मीदवार है कि इस नए सीजेआई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट को *‘जल्दी, सुलभ और निष्पक्ष न्याय’* की ओर एक ठोस दिशा मिले।
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