क्या है फिल्म — संक्षेप में
“120 बहादुर” एक historical war drama है जो 1962 के Rezang La के बहादुरों की कहानी पर आधारित है — उस दिन Charlie Company (13 Kumaon Regiment) के 120 जवानों ने असाधारण बहादुरी दिखाई थी। फिल्म का निर्देशन Razneesh ‘Razy’ Ghai ने किया है और इसे Excel Entertainment व Trigger Happy Studios ने प्रोड्यूस किया है; Farhan Akhtar फिल्म में Major Shaitan Singh के रूप में दिखते हैं। फिल्म का थिएट्रिकल रिलीज़ 21 नवंबर 2025 को हुआ।
रिलीज-डे और स्पेशल स्क्रीनिंग्स
फिल्म का ऑफिशियल रिलीज़ 21 नवंबर 2025 को रहा — यह तारीख Rezang La की 63वीं सालगिरह के ठीक बाद की गई स्मरणीय रिलीज थी। फिल्म ने paid previews भी किये गए थे और साथ ही IFFI (Gala Premiere section) में भी स्क्रीनिंग हुई। makers ने film को IMAX में भी रिलीज़ किया — Farhan Akhtar के लिए यह पहला IMAX रिलीज़ एक्टिंग के तौर पर भी साबित हुआ।
कास्ट और क्रू (मुख्य)
- Farhan Akhtar — Major Shaitan Singh (lead)
- Raashii Khanna — Shagun Kanwar
- Vivan Bhatena, Ankit Siwach, Sparsh Walia — supporting roles
- Director: Razneesh Ghai
- Producers: Farhan Akhtar, Ritesh Sidhwani, Amit Chandra
- Cinematography: Tetsuo Nagata; Music: Amit Trivedi, Salim–Sulaiman
(Source: IMDb / BookMyShow listings & Wikipedia entries).
फिल्म का मसला: क्या “कहानी” पूरी तरह सच पर आधारित है?
यह बात समझनी ज़रूरी है कि “120 बहादुर” वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है — पर फिल्म एक narrative-drama है, जिसमें dramatic licence और cinematic storytelling का इस्तेमाल किया गया है। कुछ मूल पात्रों के नाम और घटनाओं की प्रस्तुति में फिल्म-मेकरों ने फिल्मात्मक स्वतंत्रता ली है ताकि larger-than-life narrative परदे पर असरदार दिखे।
इसीलिए रिलीज़ से पहले और बाद में कुछ तरह के विवाद और PIL भी सामने आए — एक PIL का दावा था कि फिल्म Rezang La की घटनाओं का community-specific असली इतिहास मिटा रही है और उसने certification बदलने/टाइटल बदलने की मांग की। पंजाब व हरियाणा हाई-कोर्ट ने इस पीआईएल पर सुनवाई की और बाद में शीर्ष अदालत ने फिल्म का शीर्षक बदलने के अनुरोध को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि फिल्म समग्र वीरता को श्रद्धांजलि देती है।
कहानी और स्क्रीनप्ले — क्या काम करता है और क्या कम?
फिल्म की ताकत उसकी emotional core और frontline sequences में है। director Razneesh Ghai ने युद्ध-दृश्यों को बड़े पैमाने पर और technical finesse के साथ पेश किया — cinematography (Tetsuo Nagata) और background score ने battlefield की ठंडी हवा और तनाव को महसूस करवाया। कई early reviews ने विशेष रूप से visuals और emotional moments की तारीफ की है।
पर कुछ समीक्षक और दर्शक कहते हैं कि फिल्म कभी-कभी historical nuance छोड़कर cinematic heroism पर ज़्यादा जोर देती है, और individual characterization पर और घनत्व चाहिए था — यानी कुछ हिस्सों में narrative को और tight बनाया जा सकता था। (कुछ reviews ने कहा कि फिल्म का middle-act धीमा पड़ता है और climactic moments में और “firepower” की कमी रह गई)।
तकनीकी ब्रिलियंस: सिनेमैटोग्राफी, ध्वनि और स्कोर
Tetsuo Nagata की cinematography को कई आलोचकों ने सराहा है — high-altitude terrains को बड़े पैमाने पर ग्रेस के साथ capture किया गया है। साथ ही Amit Trivedi और Salim–Sulaiman का म्यूजिक और Satish Raghunathan का score film को emotional lift देते हैं। IMAX स्क्रीन पर कुछ sequences विशेष रूप से प्रभावशाली लगते हैं।
लोक और टकराव: PIL, इतिहासकारों की टिप्पणियाँ और सोशल मीडिया
रिलीज़ के आसपास कई सार्वजनिक बहसें हुईं: एक पक्ष फिल्म को सैनिकों की बहादुरी को उजागर करने वाला मानता है जबकि दूसरे पक्ष (कुछ सामाजिक समूहों और शोधकर्ताओं सहित) का मत है कि फिल्म ने कुछ सामुदायिक पहचान और ऐतिहासिक संदर्भ को fictionalize किया है। पंजाब-हरियाणा हाई-कोर्ट में दाखिल पीआईएल का उदाहरण इस बहस का बड़ा उदाहरण है — अदालत ने फिलहाल फिल्म का शीर्षक न बदलने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर कई Indian Army veterans और आम दर्शक फिल्म की technical गुणवत्ता और emotional tribute की तारीफ कर रहे हैं — पर कुछ history buffs ने भी debate खड़ी की कि फिल्मों के ज़रिए इतिहास सिखाने का तरीका कितना जिम्मेदार है।
बॉक्स-ऑफिस और प्रारंभिक कमाई (Early trends)
रिलीज़ के पहले-हफ्ते के paid previews और targeted defence-theatre screenings ने फिल्म को niche audience से strong start दिलाया — makers ने defense community के लिए स्पेशल screenings भी आयोजित कीं। शुरुआती reports और audience word-of-mouth positive रोमांच जता रही है, पर व्यापक box-office verdict कुछ दिनों में ज्यादा साफ़ होगा।
क्यों यह फिल्म जरूरी है — सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
“120 बहादुर” सिर्फ एक फिल्म नहीं; यह एक collective memory का प्रयास है — उन सैनिकों की शौर्यगाथा को बड़े परदे पर जिंदा रखने का। भारतीय सिनेमा में ऐसे war-films का अपना स्थान है क्योंकि वे national psyche, sacrifice और historical conversation को फिर से जगाते हैं। उस दृष्टि से यह फिल्म युवाओं को इतिहास की कठिनाइयों और वीरता के मूल्यों से जोड़ने का प्रयास करती है।
लेटेस्ट न्यूज़ और अपडेट्स — Slugs के साथ
- 120 Bahadur releases in theatres on Nov 21, 2025 — 120-bahadur-theatrical-release-2025.
- First reviews hail visuals and emotion — 120-bahadur-first-reviews-visuals-emotion.
- PIL filed in Punjab & Haryana HC claiming distortion of Rezang La history — 120-bahadur-pil-rezangla.
- HC rejects plea to change film title — hc-rejects-title-change-120-bahadur.
- Film screens at IFFI Gala Premiere — 120-bahadur-iffi-gala-premiere.
क्या देखें — सलाह और क्या उम्मीद रखें
अगर आप historical war films का शौक़ रखते हैं, तो “120 बहादुर” देखें — खासकर IMAX या बड़े स्क्रीन पर। ध्यान रहे कि फिल्म historical accuracy के साथ-साथ cinematic storytelling भी है — इसलिए documentary-type expectation न रखें; बल्कि एक भावनात्मक tribute के रूप में देखें।
FAQs —
Q1: 120 बहादुर कब रिलीज़ हुई?
Film का theatrical release 21 November 2025 को हुआ।
Q2: फिल्म किस घटना पर आधारित है?
यह फ़िल्म 1962 के Rezang La battle — Charlie Company, 13 Kumaon Regiment की बहादुरी — पर आधारित है।
Q3: क्या फिल्म पूरी तरह सच पर आधारित है?
नहीं। फिल्म historical events से inspired है, पर cinematic licence लिया गया है — कुछ पात्र और घटनाएँ कथानक के लिए dramatized हो सकती हैं। इसीलिए कुछ समूहों ने विवाद उठाया।
Q4: क्या कोर्ट में कोई केस हुआ?
हाँ, पंजाब-हरियाणा हाई-कोर्ट में एक PIL दायर हुई थी जो टाइटल और historical portrayal पर सवाल उठाती थी; अदालत ने शीर्षक बदलने की मांग को खारिज कर दिया।
Q5: क्या फिल्म को सैनिक समुदाय का समर्थन मिला?
कई Indian Army veterans और viewers ने फिल्म के technical work और tribute की सराहना की है; social media पर veteran reactions mixed-to-positive दिख रहे हैं।
Q6: कहाँ देखूं? क्या यह IMAX में है?
फिल्म IMAX में रिलीज़ हुई है और सामान्य थियेटर्स में भी दिखाई जा रही है; रिलीज़ सूची के लिए BookMyShow/AA Films डिस्ट्रिब्यूशन पेज देखें।
निष्कर्ष — क्या 120 बहादुर मायने रखता है?
हाँ — 120 बहादुर सिर्फ़ एक फिल्म नहीं; यह collective memory और national narrative का हिस्सा है। अगर आप cinematic tribute और भारतीय सैन्य इतिहास से जुड़ी कहानियाँ पसंद करते हैं, तो यह फिल्म देखने लायक है — पर इतिहास और फिल्म-कथा के बीच फर्क समझ कर। विवाद और बहसें भी इस तरह की फिल्मों के साथ आती रहती हैं — और ये बहसें हमें इतिहास को active रूप से याद रखने और परखने का अवसर देती हैं।
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