Delhi Car Blast Al Falah University दिल्ली की सबसे संवेदनशील घटना में से एक — लाला किले (Red Fort) के पास हुए कार बम ब्लास्ट के बाद अब मामला बेहद जटिल मोड़ पर पहुंच गया है। इस सिलसिले में फरीदाबाद स्थित निजी शिक्षा संस्थान Al‑Falah University और इसके संस्थापक-चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी का नाम सामने आया है।
सरकारी एजेंसियाँ आरोप लगा रही हैं कि इस संस्था का फंडिंग-नेटवर्क, फर्जी दस्तावेज-सिस्टम तथा आतंक-सपोर्ट लिंक ब्लास्ट के पीछे हो सकते हैं।
Delhi Car Blast Al Falah University ब्लास्ट का संक्षिप्त विवरण — क्या हुआ था?
10 नवंबर 2025 को, दिन के लगभग शाम 6:50 बजे, दिल्ली के उस हिस्से में जबरदस्त विस्फोट हुआ जहाँ सामान्यतः सड़क-सफर और राहगीर होते हैं। ब्लास्ट ने कम-से-कम 8 से 15 लोगों की जान ली और दर्जनों घायल हुए।
कार जिसमें विस्फोट हुआ था — एक Hyundai i20 — वो लाल किले के पास पार्क की गई थी, और अधिकारियों ने इसे “वाहन बम” (VBIED) वाला संकेत दिया।
इसके बाद, दिल्ली-एनसीआर की सुरक्षा-एजेंसियों ने तुरंत तलाशी-कार्रवाहियों का आरंभ किया। इसी दौरान Al-Falah University का नाम जांच के दायरे में आया।
Al-Falah University और संस्थापक कौन हैं?
Delhi Car Blast Al Falah University, फरीदाबाद-हरियाणा का एक निजी विश्वविद्यालय है। इसके चेयरमैन और संस्थापक हैं जवाद अहमद सिद्दीकी।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,
- ED ने दावा किया है कि इस यूनिवर्सिटी ग्रुप ने लगभग **₹415 करोड़** फर्जी दाखिलों और फंड डायवर्सन के माध्यम से जुटाए।
- यह संस्था अब ‘व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल’ के हिस्से के रूप में देखी जा रही है क्योंकि यूनिवर्सिटी के कुछ पूर्व और वर्तमान डॉक्टरों पर ब्लास्ट से संबंध रखने के आरोप हैं।
गिरफ्तारी और कार्रवाई — ED की तैयारी
ED (Enforcement Directorate) ने मंगलवार को जवाद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली की अदालत ने उन्हें 13-दिन की ED कस्टडी दी है।
साथ ही, यूनिवर्सिटी-ग्रुप की कई शाखाओं-प्रॉपर्टियों पर तलाशी चली और कई डिजिटल डिवाइस, फर्जी दस्तावेज और धन-परिवहन के नेटवर्क का पता लगाया गया।
क्या हुआ है विशेष रूप से यूनिवर्सिटी परिसर में?
कुछ प्रमुख बिंदु:
- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में कार्यरत एक डॉक्टर, जिनका नाम Umar Un Nabi है, ब्लास्ट मामले की जाँच में मुख्य संदिग्ध है।
- अधिकतर साक्ष्यों में पाया गया कि यूनिवर्सिटी परिसर का एक कमरा या कार्यालय संभावित प्लानिंग-हब रहा हो सकता है।
- शोध में यह भी सामने आया कि फर्जी NAAC तथा अन्य मान्यता-दस्तावेज़ दिखाकर छात्रों से भारी शुल्क लिया गया।
बुलडोजर कार्रवाई और संपत्ति पाबंदी
जवान सिद्दीकी के इंदौर स्थित एक घर-संपत्ति पर बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी चल रही है — स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।
इस प्रकार की कार्रवाई यह संकेत देती है कि सरकार फंडिंग-सपोर्ट, संपत्ति-हस्तांतरण व आतंक-सपोर्ट के वित्त-चक्रों पर भी पकड़ बनाना चाह रही है।
क्यों यह मामला बहुत बड़ा है?
इस मुद्दे का महत्व कई स्तरों पर है:
- राष्ट्रीय सुरक्षा: ब्लास्ट का टारगेट लाल किला जैसा महत्वूर्ण स्थल था, इससे डर व चिंता बढ़ी।
- शिक्षा-संस्था का दायित्व: एक विश्वविद्यालय जब कथित आतंक व फंडिंग-मॉड्यूल से जुड़ता है तो सामाजिक विश्वास टूटता है।
- ऑडिट-वित्तीय जवाबदेही: ₹415 करोड़ जैसी राशि फर्जी दाखिलों व फंड डायवर्सन में चली गई—यह सिर्फ शिक्षा नहीं बल्कि अपराध-व्यापार है।
चुनौतियाँ और आगे की जाँच
हालाँकि गिरफ्तारी हुई, लेकिन आगे काम बहुत बचा है:
- वास्तव में यह ब्लास्ट किसने अंजाम दिया? नेटवर्क, प्लानर, फंडर्स कौन-कौन?
- यूनिवर्सिटी के भीतर कितनी गहरी जड़ें हैं – छात्र, शिक्षक, कर्मचारी, प्रशासन?
- मनायेल फंडिंग-परिवहन कैसे हुआ, कौन-से शेल-कंपनियाँ सक्रिय थीं?
- प्रॉपर्टी, संपत्ति, विदेश-हस्तांतरण का ट्रैक करना।
सामाजिक-मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
सोशल नेटवर्क पर मामला तेजी से वायरल हुआ। कुछ प्रमुख राय:
- “शिक्षा-संस्था का आतंक से संबंध? शर्मनाक।”
- “अगर यूनिवर्सिटी नहीं सुरक्षित है, तो छात्र-भविष्य पर क्या भरोसा?”
- “संसाधनों की निगरानी नहीं हुई—तो कैसे यह फंडिंग मॉडल चल पाया?”
“Blood & books—जब शिक्षा का नाम आतंक-सपोर्ट से जुड़ जाए, तो सवाल नहीं बल्कि जवाबदेही चाहिए।”
नवीनतम अपडेट्स: Delhi Car Blast Al‑Falah University
- ED ने 25 से ज्यादा लोकेशन्स पर छापेमारी की; Al-Falah यूनिवर्सिटी के 9 शेल-कंपनियों का पता चला।
- यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों को ब्लास्ट से जुड़े आरोपों में हिरासत में लिया गया है।
- Delhi Police ने FIR दर्ज की है यूनिवर्सिटी के खिलाफ “cheating & forgery” की धाराओं में।
निष्कर्ष: Delhi Car Blast Al Falah University
यह मामला सिर्फ एक आतंकी कांड का नहीं बल्कि शिक्षा-संस्था, वित्त-घोटाले, आतंक-सपोर्ट, संपत्ति-हस्तांतरण, मीडिया-सहयोग जैसे जटिल मुद्दों का मेला है।
यदि कार्रवाई पूरा होती है, तो यह एक मिसाल बनेगी: “जहाँ शिक्षा हो वहाँ अपराध नहीं होना चाहिए।”
लेकिन सच यह है कि अभी जीत नहीं हुई है—न्याय-प्रक्रिया लंबी है, जड़ें गहरी हैं और लड़ाई एक व्यक्ति या संस्था तक सीमित नहीं है।
देश-विरोधी तत्वों, फंडर-नेटवर्क, शिक्षण-संस्थाओं और संपत्ति-चक्रों को एक-एक करके उजागर करना होगा।
FAQs – Delhi Car Blast Al Falah University
Q1. यह कार ब्लास्ट कब और कहाँ हुआ था?
A. 10 नवंबर 2025 को दिल्ली की लाल किले के पास हुई कार विस्फोट घटना में एक Hyundai i20 वाहन प्रयोग हुआ था।
Q2. Al-Falah University का इस घटना से क्या संबंध है?
A. यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टर, कर्मचारी व पूर्व स्टाफ इस मामले में संदेह के दायरे में हैं; संस्थापक-चेयरमैन जवाद सिद्दीकी पर फंडिंग-फर्जीवाड़ा तथा आतंक-सपोर्ट लिंक का आरोप है।
Q3. जवाद सिद्दीकी को कब गिरफ्तार किया गया?
A. ED ने उन्हें 18 नवंबर 2025 को गिरफ्तार किया; दिल्ली अदालत ने उन्हें 13-दिन की ED कस्टडी दी।
Q4. बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी किस जगह है?
A. उनके इंदौर स्थित घर-संपत्ति पर बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी चल रही है-स्थानीय प्रशासन ने आदेश दे दिए हैं।
Q5. इस मामले से शिक्षा-क्षेत्र पर क्या संदेश जाता है?
A. यह दिखाता है कि शिक्षा-संस्था सिर्फ प्रमाण-पत्र या विज्ञापन नहीं हैं; वहां जवाबदेही, पारदर्शिता और सामाजिक ज़िम्मेदारी होनी चाहिए।
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