मुंबई से बड़ी खबर: बच्चों को बंधक बनाने वाले आरोपी रोहित आर्य का पुलिस ने किया एनकाउंटर, स्टूडियो में चला रेस्क्यू ऑपरेशन
मुंबई, महाराष्ट्र: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से इस वक्त एक चौंकाने वाली और राहत देने वाली खबर सामने आई है। मुंबई के एक स्टूडियो में बच्चों को बंधक बनाने वाले आरोपी रोहित आर्य का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया है। यह पूरी घटना मंगलवार दोपहर की बताई जा रही है, जब स्टूडियो परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
घटना की पूरी कहानी: कैसे शुरू हुआ बंधक संकट
मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे मुंबई के अंधेरी इलाके स्थित एक प्रसिद्ध स्टूडियो से पुलिस को कॉल मिली कि एक व्यक्ति ने अंदर कई बच्चों को बंधक बना लिया है। कॉल मिलते ही स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत कमांडो यूनिट को बुलाया गया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि आरोपी रोहित आर्य स्टूडियो के अंदर मौजूद है और उसने अंदर मौजूद 5 बच्चों को एक कमरे में बंद कर रखा है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी किसी फिल्म प्रोजेक्ट में पहले काम करता था और हाल ही में उसकी नौकरी चली गई थी। उसी गुस्से में उसने यह खतरनाक कदम उठाया।
पुलिस की समझदारी से बची बड़ी त्रासदी
मुंबई पुलिस ने पूरी सावधानी से रेस्क्यू ऑपरेशन की योजना बनाई। सीनियर पुलिस अधिकारी और नेगोशिएशन टीम आरोपी से लगातार बातचीत कर रहे थे ताकि बच्चे सुरक्षित बाहर निकाले जा सकें। लेकिन आरोपी बार-बार हथियार लहराते हुए बच्चों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहा था।
करीब दो घंटे की बातचीत के बाद आरोपी ने अचानक पुलिस पर हमला करने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की। इसी दौरान रोहित आर्य को गंभीर गोली लगी और वह जमीन पर गिर पड़ा।
रेस्क्यू ऑपरेशन सफल, सभी बच्चे सुरक्षित
फायरिंग की आवाज सुनते ही पुलिस की दूसरी टीम ने अंदर घुसकर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए पास के अस्पताल भेजा गया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, “अगर फायरिंग में देरी होती तो आरोपी किसी बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता था। हमारे जवानों ने बेहद संयम और साहस के साथ कार्रवाई की।”
स्थानीय नागरिकों ने पुलिस के इस त्वरित एक्शन की तारीफ करते हुए कहा कि अगर पुलिस देर करती तो यह एक बड़ी त्रासदी बन सकती थी।
आरोपी की पहचान और पृष्ठभूमि
एनकाउंटर में मारा गया आरोपी रोहित आर्य (38) बताया जा रहा है। वह मुंबई में ही फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ था और कुछ टीवी प्रोजेक्ट्स में सहायक निर्देशक के रूप में काम कर चुका था। पिछले कुछ महीनों से वह आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव में था।
उसके पड़ोसियों के मुताबिक, रोहित पिछले कुछ दिनों से बेहद विचलित था और घर में अकेला रहता था। पुलिस को शक है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। हालांकि, इस बात की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगी।
पुलिस की आधिकारिक प्रतिक्रिया
मुंबई पुलिस के कमिश्नर विवेक फडणीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह ऑपरेशन बेहद जोखिम भरा था लेकिन पुलिस ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने कहा:
“हमारी प्राथमिकता बच्चों को सुरक्षित निकालना थी। आरोपी ने जब फायरिंग की, तब हमने जवाबी कार्रवाई की। घायल आरोपी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।”
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस यह जांच कर रही है कि आरोपी के पास हथियार कहां से आया और क्या किसी ने उसकी मदद की थी।
स्टूडियो में हड़कंप और अफरा-तफरी
घटना के समय स्टूडियो में करीब 40 लोग मौजूद थे। जब यह सब शुरू हुआ तो सभी ने खुद को सुरक्षित स्थानों पर छिपा लिया। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो भी शेयर किए जिनमें पुलिस की सायरन और फायरिंग की आवाजें सुनाई दीं।
अंधेरी के इस स्टूडियो को मुंबई के प्रमुख टीवी शो और विज्ञापन शूट्स के लिए जाना जाता है। घटना के बाद वहां पुलिस ने पूरे परिसर को सील कर दिया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद अंधेरी और आसपास के इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई। लोग इस एनकाउंटर की चर्चा कर रहे हैं। किसी ने कहा कि “पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया, बच्चों की जान बच गई,” तो कुछ ने सवाल उठाया कि क्या आरोपी को जिंदा पकड़ा जा सकता था?
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने फायरिंग की आवाज सुनी और बहुत डर गए थे। शुक्र है कि बच्चे सुरक्षित हैं। पुलिस ने तेजी दिखाई नहीं तो पता नहीं क्या होता।”
सोशल मीडिया पर छाई खबर
जैसे ही घटना की जानकारी सामने आई, सोशल मीडिया पर #MumbaiEncounter और #RohitArya जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई यूजर्स ने मुंबई पुलिस की बहादुरी की तारीफ की जबकि कुछ ने पूरे ऑपरेशन की पारदर्शिता पर सवाल उठाए।
पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स का मानना है कि यह घटना मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता की कमी को भी उजागर करती है। यदि आरोपी को पहले ही मानसिक स्वास्थ्य सहायता मिल जाती, तो शायद यह घटना टल सकती थी।
मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा सबक
रोहित आर्य का यह कदम दिखाता है कि मानसिक तनाव और डिप्रेशन कितनी बड़ी समस्या बन चुकी है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री जैसे हाई-प्रेशर वातावरण में काम करने वाले कई लोग मानसिक रूप से कमजोर हो जाते हैं।
मुंबई के वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ. नीरज देसाई कहते हैं:
“कई बार लोग तनाव में ऐसा कदम उठा लेते हैं जो न खुद के लिए अच्छा होता है, न समाज के लिए। हमें मानसिक स्वास्थ्य को उतनी ही गंभीरता से लेना चाहिए जितनी शारीरिक बीमारियों को।”
एनकाउंटर के बाद की जांच और आगे की कार्रवाई
एनकाउंटर के बाद पुलिस ने स्टूडियो परिसर की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है। मौके से आरोपी की बंदूक, कुछ गोलियां और एक मोबाइल बरामद हुआ है।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या किसी ने आरोपी को उकसाया था या यह कदम उसने पूरी तरह अकेले उठाया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी के फोन से कुछ चैट्स और नोट्स मिले हैं जो उसकी मानसिक स्थिति को दर्शाते हैं।
इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि एनकाउंटर की पूरी पारदर्शिता बनी रहे।
मुंबई में एनकाउंटर पर पुराना रुझान
मुंबई पुलिस अपने तेज़ एक्शन और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट्स के लिए जानी जाती रही है। 1990 के दशक में जब मुंबई अंडरवर्ल्ड का दौर था, तब एनकाउंटर स्पेशलिस्ट्स जैसे प्रदीप शर्मा और दया नायक ने कई खतरनाक अपराधियों को ढेर किया था।
हालांकि, इस बार का मामला किसी गैंगस्टर का नहीं बल्कि एक मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति का था, जिसने निर्दोष बच्चों को बंधक बना लिया था। इसलिए पुलिस पर कार्रवाई का नैतिक और कानूनी दबाव दोनों था।
राज्य सरकार और गृह विभाग की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर कहा, “मुंबई पुलिस ने साहसिक कदम उठाया और बच्चों को सुरक्षित निकाला। यह एक बहुत कठिन परिस्थिति थी। हम पुलिस दल को सम्मानित करेंगे।”
उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार इस पूरे मामले की डीटेल्ड इंक्वायरी करवाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए और बेहतर रणनीति बनाई जा सके।
निष्कर्ष: मुंबई ने राहत की सांस ली
मुंबई जैसे व्यस्त महानगर में यह घटना दिखाती है कि खतरा कहीं से भी आ सकता है। लेकिन मुंबई पुलिस की तत्परता और साहस ने बच्चों की जान बचाकर एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया।
भले ही आरोपी रोहित आर्य अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी कहानी समाज के लिए एक चेतावनी है — मानसिक तनाव को कभी नजरअंदाज न करें। और बच्चों की सुरक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
मुंबई ने एक बार फिर साबित किया है कि जब संकट आता है, तो यहां के लोग और पुलिस दोनों मिलकर उससे लड़ना जानते हैं।
FAQs: मुंबई स्टूडियो एनकाउंटर से जुड़ी प्रमुख बातें
- Q1: यह घटना कहां हुई?
- यह घटना मुंबई के अंधेरी इलाके के एक स्टूडियो में हुई।
- Q2: आरोपी का नाम क्या था?
- आरोपी का नाम रोहित आर्य था, जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा था।
- Q3: क्या सभी बच्चे सुरक्षित हैं?
- जी हां, पुलिस ने सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
- Q4: एनकाउंटर कैसे हुआ?
- आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी और उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
- Q5: क्या जांच जारी है?
- हां, पुलिस और गृह विभाग ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
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