30 मिनट की ऐतिहासिक उड़ान: राष्ट्रपति बनीं प्रेरणा की मिसाल
President Draupadi Murmu बुधवार की सुबह का वक्त था जब अंबाला एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के अधिकारी तैयारियों में जुटे थे। सुरक्षा के सख्त इंतजामों के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल फाइटर जेट में 30 मिनट की उड़ान भरी। इस उड़ान के दौरान उनके साथ थीं देश की पहली और एकमात्र महिला राफेल पायलट, स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह।
राष्ट्रपति ने उड़ान से पहले कहा, “यह मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है कि मैं आज भारतीय वायुसेना की शक्ति को करीब से महसूस करने जा रही हूं। हमारे देश की बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, और आज की उड़ान उसी का प्रतीक है।”
शिवांगी सिंह: भारत की पहली महिला राफेल पायलट: President Draupadi Murmu
स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह भारतीय वायुसेना की Golden Arrows Squadron की सदस्य हैं और देश की पहली महिला राफेल पायलट हैं। वे पहले मिग-21 बाइसन उड़ाया करती थीं, और बाद में राफेल स्क्वाड्रन में शामिल हुईं।
शिवांगी ने राष्ट्रपति के साथ उड़ान भरने को लेकर कहा, “राष्ट्रपति जी के साथ राफेल उड़ाना मेरे लिए गर्व का पल था। उन्होंने बेहद साहस और उत्साह के साथ उड़ान का अनुभव किया। यह भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का क्षण है।”
राफेल जेट की ताकत: आकाश में भारत की आंख और ढाल
राफेल को भारतीय वायुसेना की रीढ़ कहा जाता है। फ्रांस से खरीदे गए इस लड़ाकू विमान की खासियतें इसे दुनिया के सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में शुमार करती हैं।
- अत्याधुनिक रडार सिस्टम और 360° सेंसर कवरेज
- Meteor और Scalp जैसी मिसाइलों से लैस
- Mach 2 तक की स्पीड यानी करीब 2,400 किमी/घंटा
- 14,000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता
राफेल जेट को ‘Omni Role Fighter’ कहा जाता है क्योंकि यह किसी भी मौसम और स्थिति में मिशन पूरा करने में सक्षम है — चाहे हवाई युद्ध हो, जमीनी हमला या इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर।
महिलाओं की बढ़ती भूमिका: वायुसेना में नया अध्याय
President Draupadi Murmu ने इस उड़ान के जरिए एक मजबूत संदेश दिया कि भारत की महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 1700 से अधिक महिलाएं वायुसेना में विभिन्न भूमिकाओं में कार्यरत हैं, जिनमें कई पायलट और तकनीकी अधिकारी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “महिलाएं आज हर मोर्चे पर देश की सेवा कर रही हैं। यह उड़ान भारतीय महिला शक्ति का प्रतीक है।”
राष्ट्रपति की सुरक्षा और तैयारी: President Draupadi Murmu
राष्ट्रपति की इस उड़ान को लेकर भारतीय वायुसेना ने विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाए थे। उड़ान से पहले मेडिकल टेस्ट, ब्रीफिंग सेशन और फ्लाइट सिम्युलेशन भी किया गया। सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरण जैसे G-suit, हेलमेट और इमरजेंसी गियर राष्ट्रपति को प्रदान किए गए।
वायुसेना अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रपति ने उड़ान के दौरान सामान्य से अधिक G-force का अनुभव किया, लेकिन वे पूरे समय शांत और संयमित रहीं। उड़ान पूरी होने के बाद उन्होंने स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह और अन्य वायुसेना अधिकारियों से हाथ मिलाया और बधाई दी।
राष्ट्रपति की उड़ान के राजनीतिक और सामाजिक मायने
यह उड़ान सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह संदेश देने का प्रतीक थी कि भारत में महिलाओं की भूमिका अब राष्ट्र निर्माण के हर स्तर पर अहम हो चुकी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो खुद एक जनजातीय पृष्ठभूमि से आती हैं, ने यह उड़ान भरकर न केवल महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया बल्कि यह भी दिखाया कि भारत की विविधता उसकी असली ताकत है।
यह घटना भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी मजबूत करती है, क्योंकि यह दिखाती है कि भारत सिर्फ तकनीकी रूप से नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी आगे बढ़ रहा है।
Golden Arrows Squadron: गौरवशाली इतिहास
अंबाला स्थित 17 स्क्वाड्रन, जिसे Golden Arrows कहा जाता है, भारतीय वायुसेना की सबसे सम्मानित इकाइयों में से एक है। 2019 में राफेल को इसी स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। 1971 के युद्ध से लेकर कारगिल ऑपरेशन तक, इस स्क्वाड्रन ने देश की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है।
आज इसी स्क्वाड्रन में राष्ट्रपति की उड़ान आयोजित की गई, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है।
सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति मुर्मू की उड़ान छाई
जैसे ही राष्ट्रपति की उड़ान की तस्वीरें सामने आईं, सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे #ProudMoment और #PresidentInRafale जैसे हैशटैग के साथ ट्रेंड कर दिया। कई लोगों ने लिखा, “यह भारत के लिए गर्व का पल है, जब देश की सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी महिला ने फाइटर जेट में उड़ान भरी।”
पूर्व सैन्य अधिकारियों, खिलाड़ियों और आम नागरिकों ने भी इस पल की सराहना करते हुए कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक क्षण रहेगा।
President Draupadi Murmu के कार्यकाल में नई ऊंचाइयाँ
President Draupadi Murmu ने जुलाई 2022 में देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने कई बार जनता से जुड़ाव दिखाया है — चाहे सैनिकों से मुलाकात हो, छात्रों से संवाद या महिला सशक्तिकरण की पहल।
उनका यह कदम फिर साबित करता है कि वे केवल एक संवैधानिक पद नहीं बल्कि प्रेरणा की मिसाल हैं।
निष्कर्ष: भारत का गर्व, महिला शक्ति का प्रतीक President Draupadi Murmu
President Draupadi Murmu की राफेल उड़ान सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि यह नई भारत की कहानी है — जहां महिलाएं सीमाओं को तोड़ रही हैं, और देश की ऊंचाइयों को छू रही हैं।
उनकी उड़ान ने यह साबित कर दिया कि चाहे आसमान हो या ज़मीन, भारत की बेटियां अब किसी से कम नहीं हैं। और यही वह संदेश है जो आने वाले समय में हर भारतीय के दिल में गूंजेगा — “नया भारत, नयी उड़ान।”
FAQs: President Draupadi Murmu
- Q1: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल में उड़ान कहां से भरी?
- उन्होंने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरी।
- Q2: उनके साथ कौन-सी महिला पायलट थीं?
- देश की पहली महिला राफेल पायलट स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह उनके साथ थीं।
- Q3: उड़ान कितनी देर की थी?
- राष्ट्रपति मुर्मू ने करीब 30 मिनट तक राफेल में उड़ान भरी।
- Q4: राफेल विमान की क्या विशेषताएं हैं?
- यह दुनिया के सबसे एडवांस मल्टीरोल फाइटर जेट्स में से एक है, जिसमें Meteor और Scalp जैसी मिसाइलें लगी हैं।
- Q5: क्या यह उड़ान किसी विशेष अवसर पर हुई थी?
- यह भारतीय वायुसेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के विशेष कार्यक्रम का हिस्सा थी।
Read More: – MDA Formula: मायावती का मुस्लिम-दलित समीकरण, अखिलेश के PDA को सीधी चुनौती
Read More: – Grand Alliance Manifesto 2025: बिहार में महागठबंधन ने जारी किया घोषणा पत्र, तेजस्वी बोले – ‘नाम तेजस्वी का प्रण’!


