Uttarakhand Tourism देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन के क्षेत्र में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार द्वारा शुरू किए गए कई विकासात्मक और धार्मिक पर्यटन प्रोजेक्ट्स ने राज्य को नए मुकाम पर पहुंचा दिया है। बीते तीन सालों में ही 23 करोड़ से अधिक पर्यटक उत्तराखंड का रुख कर चुके हैं — जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
Uttarakhand Tourism यह सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं है, बल्कि एक विज़न की कहानी है — “Tourism for Transformation” — जिसे धामी सरकार ने धरातल पर उतारा है। चाहे बात हो चारधाम यात्रा की, विंटर टूरिज्म की या एडवेंचर स्पोर्ट्स की, उत्तराखंड अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सालभर का पर्यटन डेस्टिनेशन बन चुका है।
तीन सालों में 23 करोड़ पर्यटक — ये सिर्फ संयोग नहीं, सुनियोजित प्रयासों का परिणाम
राज्य के पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 से 2024 के बीच उत्तराखंड में 23 करोड़ से अधिक सैलानी पहुंचे। इसमें देशी और विदेशी दोनों पर्यटकों की हिस्सेदारी रही। कोविड-19 महामारी के बाद जब देशभर में पर्यटन उद्योग ठप हो गया था, तब धामी सरकार ने एक नई रणनीति के तहत स्थानीय और धार्मिक पर्यटन को दोबारा पटरी पर लाने का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री धामी ने खुद कहा था — “उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ पर्यटन है, और इसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।”
सरकार की नीतियों के चलते राज्य में होटल इंडस्ट्री, होमस्टे, लोकल ट्रांसपोर्ट और हस्तशिल्प कारोबार में भी उछाल देखने को मिला है।
चारधाम यात्रा बनी विश्व की सबसे सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा – Uttarakhand Tourism
चारधाम यात्रा उत्तराखंड के पर्यटन की रीढ़ कही जाती है। धामी सरकार ने इसे आधुनिक तकनीक और बेहतर प्रबंधन के साथ एक नई पहचान दी है।
- चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन सिस्टम पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है।
- हेल्थ चेकअप पॉइंट्स, ड्रोन सर्विलांस और रियल-टाइम ट्रैफिक मैपिंग से सुरक्षा स्तर ऊंचा हुआ है।
- 2024 में चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड 60 लाख+ श्रद्धालु पहुंचे।
इसके अलावा, बद्रीनाथ और केदारनाथ में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए करोड़ों रुपए के विकास कार्य पूरे किए गए हैं — जिनमें “प्रोजेक्ट केदारनाथ फेज-2” और “बद्रीनाथ मास्टर प्लान” प्रमुख हैं।
Adventure Tourism ने बदला उत्तराखंड का चेहरा – Uttarakhand Tourism
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो उत्तराखंड अब भारत का एडवेंचर कैपिटल बन चुका है। रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग और माउंटेन बाइकिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स ने युवाओं के बीच राज्य की लोकप्रियता को कई गुना बढ़ा दिया है।
सरकार ने 25 नए एडवेंचर ट्रेल्स और ईको टूरिज्म जोन की घोषणा की है। स्थानीय युवाओं को गाइड, ट्रैवल ऑपरेटर और इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर के रूप में रोजगार भी मिल रहा है।
2023 में एडवेंचर टूरिज्म से ही राज्य को लगभग ₹3,200 करोड़ की आय हुई थी।
तीर्थाटन के साथ-साथ ‘विंटर टूरिज्म’ की भी धमाकेदार शुरुआत
पहले उत्तराखंड को सिर्फ गर्मियों का डेस्टिनेशन माना जाता था, लेकिन अब सर्दियों में भी यहां टूरिज्म फल-फूल रहा है। औली, मुनस्यारी, चकराता, धनोल्टी जैसे विंटर डेस्टिनेशन्स को प्रमोट करने के लिए “विंटर चारधाम कैंपेन” शुरू किया गया।
धामी सरकार ने “Snow Festival Uttarakhand” को ब्रांड के रूप में पेश किया, जिसमें हिमालयी क्षेत्रों की संस्कृति, लोककला और फूड फेस्टिवल को भी शामिल किया गया।
आर्थिक लाभ और स्थानीय रोजगार में बड़ा योगदान
पर्यटन में बढ़ोतरी का सीधा असर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। पर्यटन क्षेत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 12 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक यह संख्या 20 लाख तक पहुंचाई जाए।
धामी सरकार ने “Uttarakhand Home Stay Scheme” के तहत 15,000 से अधिक घरों को रजिस्टर्ड होमस्टे में बदला है। इससे ग्रामीण इलाकों में भी आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं।
इको-टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन का संतुलन
उत्तराखंड में अब विकास और पर्यावरण दोनों का संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। इको-टूरिज्म के तहत 12 नए नेचर ट्रेल्स और फॉरेस्ट रिज़र्व कैंप बनाए गए हैं। यहां पर्यटकों को लोकल गाइड्स के साथ नेचर वॉक और बर्ड-वॉचिंग जैसी गतिविधियों का अनुभव कराया जाता है।
धामी सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि “विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं होगा, बल्कि प्रकृति के साथ साझेदारी में होगा।”
धामी सरकार की प्रमुख पर्यटन योजनाएं
- Tourist Infrastructure Development Project: 200 करोड़ का निवेश केदारनाथ-बद्रीनाथ कॉरिडोर में।
- Tehri Lake Development Plan: वॉटर स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- Heritage Circuit Yojana: ऐतिहासिक नगरों और मंदिरों को जोड़ने वाली नई यात्रा योजना।
- Digital Uttarakhand Travel Portal: सभी टूर पैकेज, परमिट और रजिस्ट्रेशन एक ही प्लेटफॉर्म पर।
- Yoga & Wellness Tourism: ऋषिकेश और हरिद्वार को अंतरराष्ट्रीय योग केंद्रों के रूप में प्रमोट किया गया।
विदेशी पर्यटकों में भी बढ़ी देवभूमि की डिमांड
2024 में विदेशों से आए सैलानियों की संख्या में भी 27% की वृद्धि दर्ज की गई है। यूरोप, जापान, अमेरिका और रूस से आने वाले ट्रैवलर्स के लिए उत्तराखंड अब “Spiritual & Adventure Hub of India” बन गया है।
यही कारण है कि कई विदेशी ट्रैवल एजेंसियों ने उत्तराखंड के लिए विशेष पैकेज शुरू किए हैं।
विपक्ष का रुख और राजनीतिक बहस
जहां एक ओर धामी सरकार इन आंकड़ों को अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है, वहीं विपक्ष ने भी कुछ सवाल उठाए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि “पर्यटन में वृद्धि तो हुई है, परंतु पर्यावरणीय दबाव और ट्रैफिक कंजेशन भी बढ़ा है।”
हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि आने वाले वर्षों में Green Policy के तहत ट्रैफिक, कचरा प्रबंधन और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा।
धार्मिक आस्था और विकास का संगम — Uttarakhand Tourism
उत्तराखंड सरकार ने यह साबित किया है कि धार्मिक आस्था और आधुनिक विकास साथ-साथ चल सकते हैं। केदारनाथ और बद्रीनाथ में स्मार्ट सुविधाएं, डिजिटल ट्रैकिंग और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए रीयल-टाइम हेल्प सिस्टम को लागू करना इस दिशा में बड़ा कदम है।
राज्य का नया स्लोगन — “जहां आस्था, वहीं विकास” — अब उत्तराखंड की नई पहचान बन गया है।
भविष्य की दिशा: ग्लोबल टूरिज्म हब बनने की तैयारी
धामी सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक उत्तराखंड को “Global Sustainable Tourism Destination” के रूप में स्थापित किया जाए। इसके लिए कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समझौते किए जा रहे हैं।
- विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) के साथ साझेदारी।
- इको-फ्रेंडली होटल पॉलिसी।
- ट्रेनिंग सेंटर फॉर गाइड्स एंड लोकल एंटरप्रेन्योरशिप।
इन सभी योजनाओं से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि उत्तराखंड भारत के पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान बनाए रखेगा।
निष्कर्ष – Uttarakhand Tourism
उत्तराखंड की धरती सिर्फ धार्मिक महत्व से नहीं बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति और शांति के संगम से भी जानी जाती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नीति और दृष्टिकोण ने राज्य को नई दिशा दी है।
आज जब हम 23 करोड़ पर्यटकों का आंकड़ा सुनते हैं, तो यह केवल पर्यटन की सफलता नहीं — बल्कि “नए उत्तराखंड” की कहानी है, जो आत्मनिर्भरता, संस्कृति और आधुनिकता का मेल है।
FAQs: Uttarakhand Tourism
Q1. उत्तराखंड में सबसे ज्यादा कौन से स्थल लोकप्रिय हैं?
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री), नैनीताल, मसूरी, औली, ऋषिकेश और हरिद्वार सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।
Q2. क्या सर्दियों में उत्तराखंड घूमने के लिए अच्छा समय है?
जी हां, अब सर्दियों में भी औली, मुनस्यारी और चकराता जैसे स्थल विंटर टूरिज्म के लिए मशहूर हो चुके हैं।
Q3. क्या उत्तराखंड सरकार होमस्टे स्कीम चला रही है?
हाँ, “Uttarakhand Home Stay Scheme” के तहत हजारों ग्रामीण परिवारों को पर्यटन से जोड़ा गया है।
Q4. क्या उत्तराखंड में विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में आते हैं?
जी हाँ, 2024 में विदेशी पर्यटकों की संख्या में करीब 27% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
Q5. धामी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या मानी जा रही है?
पर्यटन और तीर्थाटन के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त करना धामी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
