1991 में हुए Rajiv Gandhi assassination case ने पूरे भारत को हिला दिया था। जानिए कौन थे साजिशकर्ता, क्या थी वजह, कैसे हुई गिरफ्तारी और सजा
कौन थे Rajiv Gandhi?
राजीव गांधी भारत के 6वें प्रधानमंत्री थे।
वो Indira Gandhi के बेटे और Jawaharlal Nehru के नाती थे।
राजनीति में वो 1984 में आए जब उनकी माँ इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी।
उसके बाद उन्होंने देश की कमान संभाली और कई तकनीकी और आर्थिक सुधार किए।
राजीव गांधी का चेहरा युवाओं, टेक्नोलॉजी और बदलाव का प्रतीक बन चुका था।
कब और कैसे हुआ हमला?
21 मई 1991 की रात, तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर (Sriperumbudur) में एक चुनावी रैली के दौरान राजीव गांधी की बॉम्ब ब्लास्ट से हत्या कर दी गई।
एक महिला आत्मघाती हमलावर धनु (Dhanu) ने उन्हें माला पहनाने के बहाने करीब जाकर अपनी बॉडी पर लगे विस्फोटक बटन को दबा दिया, और राजीव गांधी समेत 15 और लोग मौके पर मारे गए।
ये घटना देश के इतिहास में सबसे चौंकाने वाली राजनीतिक हत्याओं में से एक थी।
किसने की थी हत्या? – The Hunt Begins
इस केस की जांच CBI और SIT ने की। जल्दी ही पता चला कि इस हत्याकांड के पीछे था:
LTTE (Liberation Tigers of Tamil Eelam)
ये एक तमिल आतंकवादी संगठन था जो श्रीलंका में तमिलों के लिए अलग देश चाहता था।
LTTE को लगता था कि राजीव गांधी ने श्रीलंका में भारतीय सेना भेजकर उनके खिलाफ काम किया।
LTTE चीफ – वेलुपिल्लई प्रभाकरन ने ये पूरी साजिश रची थी।
कैसे सामने आया सच?
जांच एजेंसियों ने कई सबूतों के आधार पर पूरा षड्यंत्र खोला:
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एक फोटोग्राफर की आखिरी तस्वीरों से मदद मिली जिसमें हमलावर महिला धनु की मौजूदगी साफ दिखी
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वीडियो फुटेज, घटनास्थल के साक्ष्य, और चश्मदीद गवाहों से हमले की पुष्टि हुई
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मोबाइल और communication surveillance से LTTE कनेक्शन की पुष्टि हुई
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कई आरोपियों की गिरफ्तारी भारत और श्रीलंका से हुई
कितनों को मिली सजा?
1998 में 26 लोगों को दोषी ठहराया गया।
इनमें से 7 लोगों को मौत की सजा मिली।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सजा को कम करते हुए:
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4 को उम्रकैद में बदल दिया
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कुछ लोगों को बरी भी कर दिया गया
मुख्य दोषियों में नाम थे:
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Nalini Sriharan
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Murugan
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Santhan
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Perarivalan
Nalini ही वो महिला थी जो खुद pregnant थी और उसे फांसी नहीं दी गई।

केस से जुड़े Interesting Points
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इस केस में पहली बार human bomb यानी शरीर पर विस्फोटक बांधकर हमला किया गया
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इस घटना के बाद देशभर में security protocols पूरी तरह बदल दिए गए
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फिल्म “Madras Cafe” इस हत्याकांड पर loosely based है
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ये केस भारत में अब तक की सबसे लंबी चलने वाली जांचों में से एक रहा
जेल से रिहाई क्यों हुई?
2022 में Supreme Court ने सजा काट रहे सभी 6 दोषियों को रिहा कर दिया।
रिहाई का कारण था:
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दोषियों ने 30 साल से ज्यादा की सजा काट ली थी
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कुछ ने जेल में अच्छे आचरण दिखाए
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तमिलनाडु सरकार ने release की सिफारिश की थी
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मानवता के आधार पर Court ने ये फैसला लिया
इस फैसले पर राजनीतिक और सामाजिक दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं आईं – कुछ लोगों ने इसे गलत कहा, कुछ ने इंसानियत से जुड़ा निर्णय माना।
राजीव गांधी परिवार की प्रतिक्रिया
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Sonia Gandhi और Rahul Gandhi ने कई बार कहा कि वो दोषियों को माफ कर चुके हैं
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लेकिन इस हत्याकांड ने उनके जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ा
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राहुल गांधी खुद इस पर कहते हैं,
“मैंने अपने पिता को खोया है, लेकिन नफरत नहीं सीखी”
FAQs – Rajiv Gandhi Assassination Case से जुड़े सवाल
Q1. राजीव गांधी की हत्या कब हुई थी?
21 मई 1991 की रात, श्रीपेरंबुदूर (तमिलनाडु) में।
Q2. किसने हत्या की थी?
LTTE संगठन ने, आत्मघाती महिला हमलावर के ज़रिए।
Q3. हत्या का कारण क्या था?
⚠️ LTTE को भारत के श्रीलंका में हस्तक्षेप से नाराज़गी थी।
Q4. क्या दोषियों को रिहा किया गया है?
✅ हां, 2022 में Supreme Court ने सभी दोषियों को रिहा कर दिया।
Q5. क्या केस अब भी खुला है?
❌ नहीं, मुख्य आरोपी रिहा हो चुके हैं और केस कानूनी रूप से खत्म हो गया है।
📝 निष्कर्ष – एक दर्दनाक राजनीतिक मोड़
Rajiv Gandhi की हत्या सिर्फ एक नेता की मौत नहीं थी, वो भारत के राजनीतिक इतिहास का टर्निंग पॉइंट था।
इस केस से हमें ये सिखने को मिलता है कि राजनीति, आतंक और कूटनीति तीनों का संतुलन बनाना कितना जरूरी है।
“राजीव गांधी भले ही आज नहीं हैं, लेकिन उनका सपना – एक modern, digital और विकसित भारत – आज भी ज़िंदा है।”
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