कौन हैं योजना के लाभार्थी?
Haryana Bihar Free Travel क्षेत्र में लाखों की संख्या में बिहारी प्रवासी मजदूर, छात्र, और कामकाजी वर्ग रहते हैं। इनमें से अधिकतर लोग फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, पलवल, और रेवाड़ी जैसे जिलों में काम करते हैं।
हरियाणा सरकार ने इन्हीं लोगों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है ताकि वे बिहार जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है — “हर नागरिक को लोकतंत्र में भागीदारी का अधिकार देना।”

किन 14 जिलों में लागू होगी योजना?
सरकार के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह फ्री ट्रेवल योजना NCR के 14 जिलों में लागू की जाएगी:
- गुरुग्राम
- फरीदाबाद
- पलवल
- सोनीपत
- पानीपत
- झज्जर
- रेवाड़ी
- नूंह
- रोहतक
- भिवानी
- महेंद्रगढ़
- करनाल
- कैथल
- चरखी दादरी
इन जिलों से विशेष बसें चलाई जाएंगी जो पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीवान और छपरा जैसे प्रमुख जिलों तक जाएंगी।
सरकार की मंशा क्या है?
मुख्यमंत्री मनोज खट्टर ने कहा कि यह योजना पूरी तरह लोकतांत्रिक भावना से प्रेरित है। उनका कहना है कि हर नागरिक को अपने गृह राज्य में जाकर वोट डालने का अवसर मिलना चाहिए, चाहे वह कहीं भी काम करता हो।
उन्होंने कहा —
“हमारे बिहारी भाई-बहन हरियाणा के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अगर वे बिहार में लोकतंत्र के इस पर्व में भाग लेना चाहते हैं, तो उन्हें सुविधा देना हमारी जिम्मेदारी है।”
राजनीतिक हलकों में हलचल
जैसे ही यह खबर सामने आई, राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि क्या हरियाणा सरकार का यह फैसला किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार चुनाव 2025 में हरियाणा के हजारों बिहारी वोटरों की भूमिका अहम हो सकती है, खासकर सीमावर्ती जिलों में। इससे भाजपा और एनडीए गठबंधन को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हो सकता है।
वहीं, विपक्षी दलों ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह एक “राजनीतिक लाभ के लिए बनाई गई योजना” है।
बिहारी प्रवासियों की प्रतिक्रिया
गुरुग्राम की एक फैक्ट्री में काम करने वाले संतोष यादव ने कहा —
“अगर सरकार हमें फ्री में घर भेजेगी तो हम जरूर जाएंगे और वोट डालेंगे। कई बार पैसे की दिक्कत के कारण नहीं जा पाते थे।”
इसी तरह फरीदाबाद की एक निर्माण साइट पर काम करने वाले रामजी पासवान ने बताया —
“पहली बार कोई सरकार हमारी चिंता कर रही है। अगर ट्रेवल पास मिलेगा तो पूरा परिवार बिहार जाएगा।”
इन प्रतिक्रियाओं से साफ है कि योजना को आम लोगों का समर्थन मिल रहा है।
योजना का संचालन कैसे होगा?
हरियाणा सरकार ने इस योजना के लिए एक विशेष नोडल कमिटी गठित की है जो एनसीआर जिलों से प्रवासियों की पहचान कर रही है। यह कमिटी स्थानीय प्रशासन, औद्योगिक इकाइयों और ग्राम पंचायतों के सहयोग से काम कर रही है।
योजना के मुख्य बिंदु:
- हर प्रवासी को आधार और वोटर आईडी दिखाकर पंजीकरण करना होगा।
- हर जिले में “बिहारी मतदाता सहायता केंद्र” स्थापित किए जाएंगे।
- परिवहन विभाग बसों और विशेष रेल कोऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी संभालेगा।
- सुरक्षा और चिकित्सा सुविधाओं के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।

बिहार सरकार की प्रतिक्रिया
बिहार सरकार ने हरियाणा के इस फैसले का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह कदम लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है।
उन्होंने ट्वीट किया —
“हरियाणा सरकार द्वारा हमारे राज्य के नागरिकों को चुनाव के समय सुविधा देना सराहनीय कदम है। इससे मतदान प्रतिशत बढ़ेगा।”
वहीं, आरजेडी ने इसे “राजनीतिक दिखावा” करार दिया और कहा कि असली मकसद वोट बैंक बनाना है।
चुनाव आयोग की भूमिका
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग ने भी हरियाणा सरकार से इस योजना के प्रभाव और पारदर्शिता पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यह योजना किसी राजनीतिक लाभ के लिए न इस्तेमाल की जाए।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि अगर यह योजना पूरी तरह निष्पक्ष रही तो इसे “लोकतांत्रिक सुविधा मॉडल” के रूप में अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।
राजनीतिक विश्लेषण: सामाजिक और रणनीतिक पहलू
हरियाणा में लगभग 35 लाख बिहारी मूल के लोग रहते हैं। इनमें से करीब 8–10 लाख मतदाता बिहार में पंजीकृत हैं। अगर इनमें से आधे भी अपने गृह राज्य जाकर मतदान करते हैं, तो कई सीटों पर चुनावी परिणाम बदल सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संदीप चौहान कहते हैं —
“यह योजना न केवल मानव दृष्टि से अच्छी है, बल्कि यह एक राजनीतिक रूप से सोच-समझकर उठाया गया कदम भी है।”
लॉजिस्टिक तैयारियां : Haryana Bihar Free Travel
हरियाणा रोडवेज और निजी ट्रैवल कंपनियों को सरकार ने विशेष निर्देश दिए हैं।
यात्रा के लिए हर जिले से बसें चलाई जाएंगी, जिनका खर्च सरकार वहन करेगी। दिल्ली के आनंद विहार, गुड़गांव बस स्टैंड और फरीदाबाद से स्पेशल ट्रेनों की भी व्यवस्था की जा रही है।
यात्री सुरक्षा के लिए पुलिस एस्कॉर्ट और मेडिकल हेल्पलाइन भी सक्रिय रहेगी।
Haryana Bihar Free Travel संभावित विवाद और सवाल
विपक्षी दलों का कहना है कि यह योजना एक प्रकार की राजनीतिक हेराफेरी है, क्योंकि इसमें मतदाता पहचान की प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा सकते हैं।
कुछ सामाजिक संगठनों ने यह भी कहा कि सरकार को पहले अपने राज्य के गरीब प्रवासियों की समस्याओं को हल करना चाहिए, बजाय इसके कि उन्हें दूसरे राज्यों में वोट डालने के लिए भेजा जाए।
जनता की राय: Haryana Bihar Free Travel
सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ ने इसे “लोकतंत्र की जीत” कहा, तो कुछ ने इसे “राजनीतिक दिखावा” बताया।
फेसबुक और X (Twitter) पर “#FreeTripForBiharVote” और “#HaryanaSupportsDemocracy” ट्रेंड कर रहे हैं।
निष्कर्ष: Haryana Bihar Free Travel
हरियाणा सरकार का यह फैसला एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है। यदि यह योजना निष्पक्ष रूप से लागू होती है, तो यह लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करेगी।
वहीं, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कदम का बिहार चुनाव 2025 के परिणामों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
साफ है कि हरियाणा और बिहार — दोनों ही राज्यों की राजनीति में यह एक नई कहानी की शुरुआत है।

FAQ (Haryana Bihar Free Travel)
1. यह योजना कब से शुरू होगी?
नवंबर 2025 के पहले सप्ताह से यह फ्री यात्रा योजना लागू होने की संभावना है।
2. कितने जिलों में यह लागू होगी?
हरियाणा के 14 NCR जिलों में यह योजना लागू होगी।
3. कौन-कौन लोग लाभ उठा सकते हैं?
हरियाणा में रह रहे वे बिहारी प्रवासी जिनके पास बिहार का वोटर कार्ड है।
4. क्या इसके लिए कोई रजिस्ट्रेशन जरूरी है?
हाँ, प्रवासियों को जिला प्रशासन के मतदाता सहायता केंद्रों में पंजीकरण कराना होगा।
5. क्या इसका कोई राजनीतिक असर होगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसका अप्रत्यक्ष असर बिहार चुनाव पर हो सकता है।
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