12 जून 2025 को एक ऐसा दिन था जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। Air India की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद क्रैश हो गई। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें विमान के सभी 242 यात्री और 18 लोग जो ज़मीन पर थे, शामिल हैं। केवल एक यात्री विश्वास रमेश ही जिंदा बच सके।
अब जब इस हादसे की पहली जांच रिपोर्ट सामने आई है, तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के बारे में आसान शब्दों में और समझते हैं कि आगे क्या हो सकता है।
हादसा कैसे हुआ?
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लाइट ने जैसे ही अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेकऑफ किया, सिर्फ 3 सेकंड बाद ही दोनों इंजन बंद हो गए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच (Fuel Control Switches) को “RUN” से “CUTOFF” में बदल दिया गया। इससे इंजन को जाने वाला ईंधन रुक गया और विमान का पावर चला गया।
विमान ज्यादा ऊंचाई तक पहुंचा भी नहीं था, इसलिए पायलट कुछ भी कंट्रोल नहीं कर पाए और विमान अहमदाबाद शहर के पास एक रिहायशी इलाके में गिर पड़ा।
कॉकपिट में क्या हुआ था?
जांच टीम ने विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जांच की। इसमें एक पायलट दूसरे से कहता है:
“Why did you cut it off?”
“I did not.”
इससे साफ है कि दोनों पायलट खुद भी कन्फ्यूज थे कि स्विच किसने बंद किया। रिपोर्ट अभी तक यह नहीं बता पाई है कि ये स्विच गलती से बंद हुए या जानबूझकर किसी ने किए।
क्या ये पायलट की गलती थी?
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये फ्यूल स्विच आसानी से नहीं हिलते। इनपर सेफ्टी लॉक होते हैं ताकि कोई गलती से इन्हें न चला दे। फिर भी, अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि ये गलती से हुआ या किसी खराबी के कारण।
रिपोर्ट में अभी तक जानबूझकर की गई कोई हरकत (sabotage) का सबूत नहीं मिला है, लेकिन इसकी संभावना से इनकार भी नहीं किया गया है।
RAM Air Turbine – आखिरी कोशिश
जैसे ही इंजन बंद हुए, विमान में एक RAM Air Turbine (RAT) अपने आप बाहर आ गई। इसका काम है कि इमरजेंसी में थोड़ी बहुत बिजली और हाइड्रोलिक पावर दे। लेकिन जब विमान ज़्यादा ऊंचाई पर न हो, तो RAT ज्यादा मदद नहीं कर पाती।
पायलटों ने भी लैंडिंग गियर और फ्लैप्स इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।
क्या पहले से कोई चेतावनी थी?
साल 2018 में FAA (Flight Authority) ने एक सलाह दी थी कि इन फ्यूल स्विचेस की डिज़ाइन और सेफ्टी चेक की जाए। लेकिन ये सलाह अनिवार्य नहीं थी। Air India ने इस सलाह को सीरियसली नहीं लिया।
अब जब हादसा हो गया, तो ये सवाल उठ रहे हैं कि अगर पहले से चेक किया जाता तो शायद ये सब रोका जा सकता था।
परिवारों का दर्द और गुस्सा
हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खोया, वे इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि:
“अगर ये स्विच इतनी आसानी से ऑफ नहीं होते, तो किसी ने जानबूझकर किया होगा।”
पीड़ित परिवारों की मांग है कि जांच और गहराई से हो और अगर कोई दोषी है तो उसे सजा मिले। कई लोगों को शक है कि कहीं कोई साजिश (conspiracy) तो नहीं हुई।
पायलट यूनियन की प्रतिक्रिया
पायलट्स की यूनियन ने भी इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह रिपोर्ट पायलट्स को दोष देने की कोशिश कर रही है, जबकि अभी सब कुछ साफ नहीं है।
उनकी मांग है कि जांच निष्पक्ष (fair) हो और बिना किसी दबाव के की जाए।
आगे क्या होगा?
रिपोर्ट अभी प्रारंभिक (preliminary) है। इसका मतलब है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई। आने वाले 6 से 12 महीनों में फाइनल रिपोर्ट जारी की जाएगी।
इस बीच, DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने Air India के सभी 787 Dreamliner विमानों की जांच शुरू कर दी है, ताकि और कोई हादसा न हो।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
बिंदु | जानकारी |
---|---|
इंजन बंद होने का कारण | दोनों फ्यूल स्विच “CUTOFF” में चले गए |
किसने स्विच बंद किया? | अभी तक पता नहीं |
पायलटों की प्रतिक्रिया | दोनों हैरान और भ्रमित थे |
कोई साजिश? | अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं |
टेक्निकल खराबी | नहीं मिली |
परिवारों की मांग | निष्पक्ष जांच और इंसाफ |
फाइनल रिपोर्ट | अगले कुछ महीनों में आने की उम्मीद |
निष्कर्ष – उम्मीद अब भी बाकी है
यह हादसा एक बहुत बड़ी त्रासदी (tragedy) थी। जो लोग गए, उन्हें वापस लाया नहीं जा सकता। लेकिन हम यह जरूर उम्मीद कर सकते हैं कि इस हादसे की पूरी सच्चाई सामने आए, और जिनकी लापरवाही या गलती से यह हुआ, उन्हें सजा मिले।
Air India, DGCA, और Boeing जैसी कंपनियों को अब और जिम्मेदारी से काम करना होगा ताकि आगे ऐसा कोई हादसा न हो।
आपकी क्या राय है? क्या यह हादसा रोका जा सकता था? क्या जांच निष्पक्ष होगी? नीचे कमेंट में बताएं और यह रिपोर्ट शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सच जान सकें।
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